राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 10 सितंबर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के तत्वाधान एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशन एवं जिला न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के मार्गदर्शन में नेशनल लोक अदालत का वर्चुअल और भौतिक उपस्थिति मोड में आयोजन किया गया।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसमें सर्वोच्च न्यायालय से लेकर तहसील स्तर तक के न्यायालयों में लोक अदालत आयोजित की गई। जिला राजनांदगांव, जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी एवं जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में न्यायालय में लंबित, राजस्व न्यायालय एवं प्री-लिटिगेशन के 38398 प्रकरणों को निराकरण के लिए चिन्हित किया गया। शुक्रवार को जिला न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आलो कुमार के नेतृव्व में नेशनल लोक अदालत के आयोजन की सभी तैयारी पूर्ण कर ली गयी थी।
नेशनल लोक अदालत आयोजित करने के लिए कुल 41 खंडपीठों का गठन किया गया था। इस लोक अदालत में 36521 मामलों का सफलतापूर्वक निपटान किया गया। निपटान किए गए मामलों में कुल 34259 मामले प्री-लिटिगेशन चरण के थे और 2262 मामले ऐसे थे जो विभिन्न न्यायालयों में लंबित थे, निपटान राशि लगभग 53020646 रुपए थी।
नेशनल लोक अदालत में आपराधिक राजीनामा योग्य मामले, मोटर वाहन दुर्घटना दावा से संबंधित मामले, धारा 138 एनआई एक्ट से संबंधित मामले अर्थात् चेक से संबंधित मामले, वैवाहिक विवाद के मामले, श्रम विवाद के मामले, बैंक ऋण वसूली वाद, रुपए वसूली वाद, विद्युत बिल एवं टेलीफोन बिल के मामले, भूमि अधिग्रहण से संबंधितमामले, राजस्व न्यायालय के मामले एवं अन्य राजीनामा योग्य वाद आदि से संबंधित मामलों की सुनवाई की गई।