राजनांदगांव
नांदगांव में 7-8 सौ करोड़ फंसे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 फरवरी। चिटफंड कंपनियों में जिले के सैकड़ों निवेशक डूबी हुई रकम की वापसी के लिए सरकार की ओर नजरें गड़ाए हुए हैं। निवेशकों की ओर से नई सरकार से रकम वापसी में भूमिका अदा करने की अपील की जा रही है। हालांकि अब तक भाजपा सरकार की ओर से निवेशकों को कोई आश्वासन नहीं दिया गया है।
निवेशकों की जुबान में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए प्रयास की सराहना की जा रही है। कांग्रेस सरकार ने कंपनियों को राजसात करने के एवज में मिली राशि को निवेशकों को लौटाई थी। जिससे उन्हें अपनी डूबती नैया से उबरने का मौका मिला था। इसी मांग को लेकर जिला मुख्यालय में धरन-प्रदर्शन भी किया गया।
अकेले राजनंादगांव जिले में 7 से 8 सौ करोड़ रुपए निवेशकों के फंसे हुए हैं। चिटफंड कंपनियों के एजेंट के तौर पर काम करने वाले लोग ग्रामीणों की नाराजगी का सामना आज पर्यन्त कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बड़ी उम्मीद लेकर रकम दोगुनी होने के झांसे में आकर एजेंटों के जरिये मोटी रकम निवेश की थी। कई कंपनियां डूब गई, वहीं कुछ कंपनियों पर सरकार ने आपराधिक प्रकरण दर्ज किया। विभिन्न चिटफंड कंपनियों द्वारा कई तरह के प्रलोभन देकर ग्रामीणों को फांस लिया। शुरूआत में ग्रामीणों को उन्हें किस्तों में रकम भी मिली। बाद में कई कंपनियां रफूचक्कर हो गई।
मिली जानकारी के मुताबिक स्थानीय कलेक्टोरेट के सामने निवेशकों ने भाजपा सरकार से चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वायदों को याद दिलाते रकम वापसी की मांग की। छत्तीसगढ़ अभिकर्ता व उपभोक्ता सेवा संघ के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमें पदाधिकारियों ने भाजपा सरकार से मोदी की गारंटी के नाम से संकल्प घोषणा पत्र में किए गए वायदों को याद दिलाया।
धरना प्रदर्शन करने वालों में खिलेश्वर जायसवाल, दिनेश सिन्हा, दीनदयाल साहू, दौलतराम पटेल, डेमन साहू समेत अन्य एजेंट व निवेशक शामिल थे।