राजनांदगांव
गांव, डोंगरगढ़, खैरागढ़ में हो रहा संचालन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 13 फरवरी। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखने के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में नगर निगम में संचालित गढ़ कलेवा सेंटर महीनों से बंद पड़ा हुआ है।
छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के प्रति लोगों में लगाव पैदा करने के लिए कांग्रेस सरकार ने प्रदेशभर में गढ़ कलेवा की शुरूआत की थी। जिसमें चीला, फरहा, ठेठरी, खुरमी समेत अन्य व्यंजन से सजी सस्ती थाली में लोगों को भोजन परोसने का प्रावधान था। फिलहाल नगर निगम में खोले गए गढ़ कलेवा में ताला लटका हुआ है। सरकार बदलते ही गढ़ कलेवा के खोलने की संभावना क्षीण हो गई है। हालांकि राजनांदगांव, खैरागढ़ और डोंगरगढ़ में गढ़ कलेवा में लोग अब भी भोजन और छत्तीसगढ़ी व्यंजन का लुत्फ उठा रहे हैं।
राजनंादगांव में जिला कार्यालय परिसर में तत्कालीन प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर ने गढ़ कलेवा का शुभारंभ किया था। नगर निगम में गढ़ कलेवा को पुन: प्रारंभ किए जाने प्रशासनिक स्तर पर दिलचस्पी नहीं ली जा रही है।
एक जानकारी के मुताबिक नगर निगम के अफसरों को गढ़ कलेवा बंद होने की पूर्ण जानकारी है। बताया जा रहा है कि भाजपा के सत्तारूढ़ होने के कारण अफसर गढ़ कलेवा के संचालन को लेकर रूचि नहीं ले रहे हैं। वजह यह है कि पूर्ववर्ती सरकार की योजना होने के कारण अफसरों की गढ़ कलेवा को नियमित तौर पर संचालन करने पर हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। नगर निगम में खोले गए गढ़ कलेवा का शुरूआत से ही संचालन लचर रहा।
बताया जाता है कि प्रारंभ में ही गढ़ कलेवा को संचालित करने वाले समूह ने खानपान के सामान की कीमतों में वृद्धि कर दी थी। जबकि अन्य क्षेत्रों में संचालित गढ़ कलेवा में सस्ते दाम पर लोगों को खानपान के सामान दिया जा रहा था। बहरहाल नगर निगम में गढ़ कलेवा सेंटर के सामने ताला लटका हुआ है, वहीं दूसरे सेंटर फिलहाल किसी तरह संचालित किए जा रहे हैं।