महासमुन्द
महासमुंद, 22 फरवरी। सर्व कुर्मी समाज के सरंक्षक व चंद्राकर समाज के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र चंद्राकर सर्वकुर्मी समाज के संगठन मंत्री व प्रदेश चंद्राकर समाज के वरिष्ठ सदस्य राजेंद्र चंद्राकर और चंद्राकर समाज के न्याय कमेटी के पूर्व सदस्य आलोक चंद्राकर ने कहा कि क्वांटिफाएबल डाटा आयोग की रिपोर्ट में ओबीसी वर्ग में शामिल जाति उपजाति की जो गणना बताई जा रही है वह घोर आपत्ति जनक है। आयोग ने किस आधार पर गणना की पूरा किया है, सम्पूर्ण आधार व रिपोर्ट की जानकारी सार्वजनिक करना चाहिए।
कुर्मी समाज के लोग दुर्ग, राजनादगांव, बालोद,धमतरी,रायपुर, महासमुंद, बलोदा बाजार, जांजगीर चांपा, शक्ति, बिलासपुर व मुंगेली जिलों में बहुतायत मात्रा में निवासरत हैं। आयोग के लीक डाटा कैसे प्रदेश में कुर्मी समाज की आबादी 8 लाख और ओबीसी वर्ग में पांचवें नंबर बताती है जबकि प्रदेश संपूर्ण कुर्मी समाज के विभिन्न फिरको की अनुमानित आबादी छत्तीसगढ़ की कुल आबादी का 18 प्रतिशत से कम नहीं है।
कुर्मी समाज अपने आप में सक्षम कृषि कार्य में दक्ष और बहुसंख्यक समाज है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में कुर्मी समाज की
महत्वपूर्ण भागीदारी रही है और बरसों से लाखों लोगों को रोजगार देने वाला समाज है। खेती किसानी को कुर्मी समाज के प्रबुद्ध जनों ने नए आयाम में पहुंचाया है। क्वांटिफायबल आयोग की जो जानकारी लीक हुई है, घोर आपत्तिजनक व अपमानजनक है। आयोग ग्रामीण ग्रामीण स्तर
को आधार मानकर कुर्मी समाज की आबादी की गणना करें और पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक करें।