महासमुन्द

सिकासेर परियोजना मंजूरी पर श्रेय लेने का दौर शुरू
24-Feb-2024 3:25 PM
सिकासेर परियोजना मंजूरी पर श्रेय लेने का दौर शुरू

 जनता हैरान, सिकासेर मामला तो महासमुंद ओवरब्रिज से भी ज्यादा रोचक है

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 24 फरवरी। सिकासेर परियोजना को प्रशासकीय स्वीकृति मिलते ही इसे लेकर श्रेय लेने की राजनीति शुरू हो चुकी है। कांग्रेस के कार्यकाल में उठी मांग की स्वीकृति अब जाकर पूरी हुई है। कांग्रेस के विधायक की बात अलग है, भाजपा सांसद से लेकर सांसद पद के दावेदारों, नवनिर्वाचित विधायक और कई भाजपाई इस अपनी कमाल बता रहे हैं। इस काम की स्वीकृति मिलते ही सबसे पहले नवर्विाचित विधायक ने इसका श्रेय लेते हुए अखबारों में विज्ञप्ति भेजा। इसके बाद बागबाहरा जनपद पंचायत अध्यक्ष के पति हितेष चंद्राकर ने इसे अपना योगदान बताया। सांसद चुन्नीलाल साहू ने कल बागबाहरा में पत्रकार लेकर इसे अपना काम बताया।

आज पूर्व विधायक महासमुंद विनोद सेवन लाल चंद्राकर ने विज्ञप्ति जारी कर इस पर अपनी योगदान की बातें कही है। यह भी हुआ है कि पूर्व विधायक कांग्रेस के विनोद चंद्राकर को क्षेत्र के किसानों ने सिकासेर के लिए आभार व्यक्त किया है।

 क्षेत्र की जनता हैरान है कि सिकासेर मामला तो महासमुंद ओवरब्रिज से भी ज्यादा रोचक है। क्योंकि महासमुंद में दस सालों तक ओवरब्रिज कांग्रेस और भाजपा के लिए चुनावी मुद्दा बनते रहा। इतने सालों के बीच कई बार, कई नेताओं ने भूमिपूजन किया। लेकिन यह कांग्रेस विधायक के कार्यकाल में बना और तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसका उद्घाटन किया था। विधानसभा चुनाव में भाजपा के एजेंडे में शामिल होने के बाद सिकासेर बड़ा मुद्दा था, अब लोकसभा के लिए यही मुद्दा और भी बड़ा हो सकता है। लिहाजा इस पर श्रेय लेने की राजनीति जारी है।

आज पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने एक विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि क्षेत्र के किसानों में सिकासेर जलाशय को कोडार से जोडऩे के लिए सर्वेक्षण कार्य हेतु 5.70 करोड़ स्वीकृत होने से क्षेत्र के किसानों में हर्ष है। गरियाबंद के पैरी परियोजना अंतर्गत सिकासेर बांध से पानी लाने सर्वेक्षण होगा। क्षेत्र के किसानों ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व पूर्व संसदीय सचिवए महासमुंद विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर का आभार व्यक्त किया है। श्री चंद्राकर के मुताबिक उन्होंने उक्त परियोजना के लिए लगातार विभागीय मंत्रियों, उच्चाधिकारियों को पत्राचार कर प्रशासकीय स्वीकृति देने ध्यानाकर्षित कराया था। विगत 4 फरवरी 2024 को वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप को भी उक्ताशय का स्मरण पत्र लिखा था। इस परियोजना को अपने कार्यकाल के दौरान प्रमुखता से बजट में शामिल करवाया था। अत: उक्त जनहित के कार्य को वर्ष 2023-24 के बजट में शामिल करने एवं प्रशासकीय स्वीकृति दिलाये जाने पर जिपं उपाध्यक्ष लक्ष्मण पटेल, झलप क्षेत्र के किसान नेता लमकेश्वर साहू, टिकेश्वर उर्फ दारा साहू, ढेलू निषाद,खिलावन साहू आदि सैकड़ों लोगों ने  पूर्व विधायक महासमुंद विनोद सेवनलाल चंद्राकर का आभार व्यक्त किया है।

23 फरवरी को ही गरियाबंद जिले के सिकासार जलाशय से कोडार जलाशय महासमुंद तक बहुप्रतीक्षित और लाखों किसानों से जुड़े इस महत्वकांक्षी परियोजना की स्वीकृति को विधायक बनते ही वर्तमान विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने कहा कि निरंतर विभागीय मंत्री केदार कश्यप और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से मिलकर आग्रह कर रहे थे। कहा कि यह भाजपा के जिला स्तर के चुनावी घोषणा पत्र में भी शामिल था।

इस परियोजना को लेकर प्रोफेसर संजीव कर्माकर का कहना है कि उन्होंने किसानों की बड़ी टोली तैयार की थी और देश के जाने माने नेताओं तक यह मामला पहुंचाई थी, तब जाकर इस योजना को मूर्तरूप दिया जा सका है। लेकिन सबसे पहले इस योजना का श्रेय भाजपा के हितेष चंद्राकर लेते हैं। उनका कहना है कि इस योजन पर सबसे पहले उन्होंने ही की थी। अत: स्वीकृकि का पूरा श्रेय उन्हीं को जाना चाहिए।

गौरतलब है कि मंत्रालय महानदी भवन जल संसाधन विभाग रायपुर से 22 फरवरी को जारी प्रशासकीय स्वीकृति के छह साल पहले बागबाहरा क्षेत्र के किसानों संह बैठकर हितेष चंद्राकर ने यह सोचा कि बारिश में कोडार के बेकार बहने वाले पानी को क्यों न एक नहर के जरिए सिकासेर जलाशय तक पहुंचाई जाए। इससे हजारों एकड़ बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया जा सकेगा। फिर बैठकों का दौर शुरू हुआ। इसे लेकर किसान एकजुट होने लेग तो विधायक विनोद चंद्राकर ने मामले को विधानसभा में तवज्जो दी। अब इस परियोजना को लेकर ज्यादा चहल-पहल शुरू हुई तो भाजपा से सांसद की टिकट की दावेदार कर रहे प्रोफेसर डा. संजीव कर्माकर ने किसानों के साथ बैठकें लेकर मामले को दिल्ली तक पहुंचाया। इसी परियोजना को साकार करने के लिए सांसद चुन्नी लाल साहू ने सैकडा़ें मील की पैदल यात्रा भी की। अंतत: इसे भाजपा के चुनावी एजेंडे में शामिल कर लिया गया। चूंकि विधायक महासमुंद खुद ही किसान हैं अत: चुनावी एजेंडे में शामिल होते ही परियोजना की स्वीकृति के लिए विधायक श्री चंद्राकर ने एड़ी चोटी का जोर लगाया और परियोजना की मंजूरी तक आला नेताओं से बातें करते रहे। अंतत: इस प्रियोजना को स्वीकृति मिल ही गई। 

                मालूम हो कि जल संसाधन विभाग के अवर सचिव प्रेम सिंह घरेन्द्र द्वारा जारी आदेश में गरियाबंद के दायें तट से कोडार जलाशय महासमुंद तक प्रस्तावित नहर निर्माण के सर्वेक्षण कार्य के लिए करीब 5 करोड़ 70 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। मुख्य अभियंता को जारी आदेश में बताया गया है कि तकनीकी स्वीकृति मिल चुकी है। अब निर्धारित समयावधि में सर्वेक्षण पूरी कर नहर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा। इससे क्षेत्र के लाखों किसानों की खेती सिंचित हो सकेगी। इसमें गरियाबंद जिले के विकासखंड गरियाबंद की सिकासार जलाशय गरियाबंद के दांये तट से कोडार जलाशय महासमुंद तक प्रस्तावित नहर निर्माण होगा।

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