महासमुन्द
![तीन दिवसीय सिरपुर महोत्सव का आगाज आज शाम से, पहली बार गंगा आरती तीन दिवसीय सिरपुर महोत्सव का आगाज आज शाम से, पहली बार गंगा आरती](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1708772650G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,24फरवरी। तीन दिवसीय सिरपुर महोत्सव का आगाज आज 24 फरवरी को शाम 06 बजे होगा। समापन 26 फरवरी को होगा। महोत्सव के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय होंगे। समारोह की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल करेंगे। जबकि अति विशिष्ट अतिथि खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री दयाल दास बघेल एवं महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के सांसद चुन्नीलाल साहू होंगे।
इस दौरान शुभारम्भ एवं समापन समारोह के विशिष्ट अतिथि विधायक महासमुंद योगेश्वर राजू सिन्हा, विधायक बसना सम्पत अग्रवाल, विधायक खल्लारी द्वारिकाधीश यादव, विधायक सरायपाली चातुरी नंद, जिला पंचायत अध्यक्ष उषा पटेल, पूर्व विधायक बसना रूपकुमारी चौधरी, पूर्व राज्य मंत्री पूनम चंद्राकर, पूर्व विधायक डा. विमल चोपड़ा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण पटेल, जिला पंचायत सदस्य अमर चंद्राकर, जनपद पंचायत अध्यक्ष यतेन्द्र साहू, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष त्रिलोकी ध्रुव, जनपद सदस्य अजय मंगल ध्रुव, सिरपुर सरपंच ललित ध्रुव सहित जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक की गरिमामय उपस्थित में सम्पन्न होगी।
उल्लेखनीय है कि सिरपुर में पहली बार श्री गंधेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट समिति एवं जिला प्रशासन के तत्वाधान में गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए आवश्यक तैयारी की जा रही है। स्नान के लिए कुण्ड भी बनाया जा रहा है। गंगा आरती शाम 6:30 से 7 बजे तक होगी। आरती में स्थानीय ग्रामीणों के अलावा मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को शामिल होने का आग्रह किया गया है।
गौरतलब है प्रतिवर्ष यह महोत्सव महानदी तट पर माघ पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होता है। आसपास गांव के लोग भोर के समय महानदी में स्नान कर गंधेश्वर नाथ मंदिर में पूजा अर्चना करते हंै। महोत्सव के तीनों दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा विभिन्न विभागों द्वारा विकास गतिविधियों और विभागीय योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी, स्वसहायता समूहों द्वारा स्टॉल में बिक्री हेतु सजेंगे। वहीं बच्चों के लिए झूले.सर्कस अन्य रोमांचक गतिविधियां देखने मिलती है। बच्चे, युवा व सभी उम्र के लोग मेले में घूम.फिर कर रोमांचित होते हैं।
सिरपुर को राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय हेरिटेज के रूप में विकसित करने और ज्यादा पहचान दिलाने कती कोशिशें जारी है। इसके लिए जरूरी कार्य जारी हैं। सिरपुर बहुत लगभग 10 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इस तरह अन्य जगह विस्तारित बौद्ध केन्द्र नहीं हैं।
सिरपुर, डोंगरगढ़ और मैनपाट को टूरिज्म सर्किट से जोडऩे की तैयारी की जा रही है। पर्यटन सर्किट से जुड़ जाने से इस ओर सैलानियों का रूझान बढऩे की उम्मीद है। सिरपुर अपनी ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्ता के कारण आकर्षण का केंद्र हैं। यह पांचवी से आठवीं शताब्दी के मध्य दक्षिण कोसल की राजधानी थी। सिरपुर में सांस्कृतिक व वास्तु कौशल कला का अनुपम संग्रह हैं।
आगामी समय में यहां स्वागत गेट, तालाबों का सौंदर्यीकरण, सुंदर सुगंधित कौशल्या उपवन, कोडार.पर्यटन टैटिंग व बोटिंग, वृक्षारोपण और सिरपुर के रायकेरा तालाब आदि को आकर्षक बनाने का काम संभव हो सकेगा।
सैलानियों के लिए रायकेरा तालाब में बोटिंग पिछले साल से शुरू हो गयी है। वही नजदीक कोडार जलाशय में नौका विहार के लिए बोटिंग की सुविधा सैलानियों को उपलब्ध है। कम दाम पर टेंटिंग में ठहरने के इंतजाम भी किए गए हैं। फिलहाल चार टेटिंग लगाए गए हैं। जिसमें एक टेंटिंग में दो व्यक्तियों के सोने और आराम करने के लिए पर्याप्त जगह है। टूरिस्ट और बच्चों के लिए क्रिकेट, वॉलीबॉल, कैरम, शतरंज के साथ ही निशानेबाजी की सुविधा भी इस इको पर्यटन केंद्र में उपलब्ध है।