महासमुन्द
![15 हजार ने दी प्री.बीएड, प्री.डीएलएड प्रवेश परीक्षा, 25 फीसदी ने रुचि नहीं ली 15 हजार ने दी प्री.बीएड, प्री.डीएलएड प्रवेश परीक्षा, 25 फीसदी ने रुचि नहीं ली](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1719824989hoto_1.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,1 जुलाई। प्री.बीएड,. प्री.डीएलएड प्रवेश परीक्षा का आयोजन रविवार को किया गया। महासमुंद जिले में 23 हजार 922 लोगों ने इस परीक्षा के लिए पंजीयन कराया था। लेकिन इनमें मात्र 15 हजार 898 युवाओं ने ही परीक्षा दी। जबकि 8 हजार 24 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए। इस तरह शिक्षक बनने की पढ़ाई करने में 25 फ ीसदी युवाओं ने रुचि नहीं ली।
इसके लिए जिला मुख्यालय में 82 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। यहां दो पालियों में परीक्षा आयोजित की गई। जिला मुख्यालय में प्रथम पाली में प्री.बीएड की परीक्षा सुबह 10 बजे से दोपहर 12.15 बजे तक 32 परीक्षा केंद्रों में आयोजित हुई। वहीं दूसरी पाली में जिला एवं विकासखंड मुख्यालय में प्री.डीएलएड की परीक्षा का आयोजन दोपहर 2 बजे से शाम 4.15 बजे तक 50 परीक्षा केंद्रों में किया गया।
प्री.बीएड की परीक्षा में 9 हजार 538 परीक्षार्थी और प्री.डीएलएड की परीक्षा में 14 हजार 384 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। जिनमें प्री.बीएड में 5 हजार 942 ही परीक्षा में शामिल हुए। जबकि 3 हजार 596 अनुपस्थित रहे। प्री.डीएलएड में 14 हजार 384 परीक्षार्थी पंजीकृत थे लेकिन 9 हजार 956 लोगों ने परीक्षा दिलाई। जबकि 4 हजार 428 परीक्षा देने केंद्र ही नहीं पहुंचे। परीक्षा के सुचारू व निर्विघ्न रूप से संचालन के लिए कलेक्टर प्रभात मलिक ने डिप्टी कलेक्टर मनोज कुमार खाण्डे को नोडल अधिकारी नियुक्त किया था।
मालूम हो कि छत्तीसगढ़ व्यापमं ने रविवार को प्री.बीएड, प्री.डीएलएड प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया था। जिले में 23 हजार 922 लोगों ने इस परीक्षा के लिए पंजीयन कराया था। लेकिन इनमें मात्र 15 हजार 898 युवाओं ने ही परीक्षा दी।
जबकि 8 हजार 245 विषयों से सवाल पूछे गए थे। पेपर 100 नंबर का था। प्री.बीएड और प्री.डीएलएड में 5 विषयों से सवाल पूछे गए थे। जिनमें सामान्य मानसिक योग्यता, सामान्य ज्ञान, शिक्षण अभिरुचि, सामान्य हिंदी और सामान्य अंग्रेजी विषय शामिल थे। सारे सवाल वैकल्पिक थे। ज्यादा माथा-पच्ची मासिक योग्यता वाले सवालों को हल करने के लिए परीक्षार्थियों को मेहनत करने पड़े। इसमें कुल 100 सवाल थे। जिनमें प्रत्येक पर एक-एक नंबर था। अच्छी बात यह रही कि किसी भी सवाल के गलत जवाब पर नंबर नहीं काटे जाएंगे। यानी ऋणात्मक मूल्यांकन नहीं किया जाएगा। इससे परीक्षार्थियों को राहत मिली है।