बीजापुर
![कांग्रेस की जांच समिति नडपल्ली से लौटी, बस्तर विधायक बोले आईईडी ब्लास्ट में मां ने खोये दोनों पैर और पुलिस ने बेटे को नक्सली बता उठा लिया कांग्रेस की जांच समिति नडपल्ली से लौटी, बस्तर विधायक बोले आईईडी ब्लास्ट में मां ने खोये दोनों पैर और पुलिस ने बेटे को नक्सली बता उठा लिया](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1720543346-120.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 9 जुलाई। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश कांग्रेस का छ: सदस्यीय जाँच दल मंगलवार को नडपल्ली गांव में ग्रामीणों के साथ हुए पुलिसिया अत्याचार की जाँच के लिए गया और ग्रामीणों से मिलकर संपूर्ण घटना की जानकारी ली। घटनास्थल से वापस बीजापुर लौटी जांच समिति ने प्रेस वार्ता आयोजित की।
जांच दल के संयोजक एवं बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल ने पत्रकारवार्ता में कहा कि नडपल्ली गांव के ग्रामीणों ने जांच दल को बताया कि 5 जुलाई की देर रात सुरक्षा बलों ने पूरे नडपल्ली गांव को घेर लिया और गांव के बुजुर्ग और महिलाओं को छोडक़र 95 लोगों को रात 4 बजे पुलिस ने उसूर थाना लाया। जिनमें पढ़ाई करने वाले छात्र, किसान, बीमारी से पीडि़त मरीज़ भी शामिल थे। बाद में कुछ लोगों को छोड़ दिया गया।
विधायक बघेल ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि रात 4 बजे ग्रामीणों को थाना लाया जाना दुर्भाग्य जनक है, यह अपने आप में ऐसी पहली घटना होगी, जिसमें पुलिस ने पूरे गांव वालों को नक्सलियों के नाम पर थाना लाया और उन्हें प्रताडि़त किया गया।
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से आदिवासियों पर अत्याचार और प्रताडऩा की घटनायें बढ़ी है। जिस तरह से नडपल्ली गांव के लोगों को पुलिस थाने में लाकर प्रताडि़त किया जा रहा है। इससे तो यही लगता है कि नक्सलियों की आड़ में भाजपा सरकार षड्यंत्रपूर्वक आदिवासियों को ख़त्म करना चाहती है। 15 दिन पहले आईईडी ब्लास्ट में अपने दोनों पैर खो देने वाली महिला का जि़क्र करते हुए विधायक बघेल ने कहा कि जिस महिला ने आईईडी ब्लास्ट में अपने दोनों पैर गवा दिए है। पुलिस उसी के बेटे को नक्सली बता कर उठा रही है। इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है।
बघेल ने आगे कहा कि भाजपा सरकार को यह बताना चाहिए कि ऐसी कौन सी मुसीबत आ रही थी कि पुलिस ने रात 4 बजे पूरे गांव के लोगों को उठाकर थाने ले आई है? जबकि पुलिस थाना और नडपल्ली गांव के इर्द गिर्द सुरक्षा बलों के दो कैम्प भी है। आखऱि नक्सलियों के आड़ में आदिवासी कब तक प्रताडि़त होते रहेंगे? भाजपा सरकार एक तरफ़ कहती है कि अब नक्सली ख़त्म हो गए है और वहीं दूसरी तरफ़ नक्सलियों के नाम पर पूरे गांव वालों को उठा लिया जाता है। बघेल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ज़रूर आदिवासी है। लेकिन प्रदेश का आदिवासी ही सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी सडक़ से सदन तक की लड़ाई लड़ेगी। आगामी विधान सभा सत्र में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा।
विदित हो कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के द्वारा 8 जुलाई को बीजापुर जि़ले के उसूर थाना अंतर्गत नडपल्ली गांव में हुए पुलिसिया अत्याचार की जाँच के लिए छ: सदस्यीय जाँच दल का गठन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने किया था। जिसमें बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल को संयोजक, बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी, नारायणपुर के पूर्व विधायक चंदन कश्यप, श्रीमती नीना रावतिया उद्दे प्रदेश महामंत्री, शंकर कुडिय़म अध्यक्ष जि़ला पंचायत बीजापुर एवं लालू राठौर अध्यक्ष जि़ला कांग्रेस कमेटी को जांच समिति का सदस्य बनाया गया था। प्रेस वार्ता के दौरान जि़ला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम के अलावा बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।