बीजापुर

खबर का असर: पीएचई टीम तारलागुड़ा पोटाकेबिनो के बोरिंगों की जांच करने पहुंची
19-Jul-2024 3:50 PM
खबर का असर: पीएचई टीम तारलागुड़ा पोटाकेबिनो के बोरिंगों की जांच करने पहुंची

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 19 जुलाई।
‘छत्तीसगढ़’ की खबर का असर हुआ। पीएचई टीम तारलागुड़ा के पोटाकेबिनों के बोरिंगों की जाँच करने पहुंचीं। जांच में पाया कि आश्रमों में लगे बोरिंग का पानी खराब है, या आयरन की मात्र अधिक हैं, वह पीने योग्य नहीं हैं। 

ज्ञात हो कि रेसिडेंशियल कन्या आवासीय विद्यालय पोटाकेबिन और बालक आवासीय विद्यालय पोटाकेबिन व आरएमएसए बालक/बालिका पोटाकेबिन के सैकड़ों बच्चे दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं, ‘छत्तीसगढ़’ में 17 जुलाई को खबर प्रकाशित होने के बाद भोपालपटनम पीएचई की टीम तारलागुड़ा के पोटाकेबिनों की जाँच कर पानी की सत्यता जांचीं। 
बीआर बंजारे पीएचई उपअभियंता ने बताया कि जाँच में पाया कि आश्रमों में लगे बोरिंग का पानी खराब है, या आयरन की मात्र अधिक हैं, वह पीने योग्य नहीं हैं। 

पोटाकेबिन के अधीक्षकों को बताया गया कि यहां का पानी पीने का उपयोग नहीं करें, कपड़ा धोने नहाने व अन्य काम में उपयोग कर सकते हैं। अभी फिलहाल पुलिस थाने से पानी लेकर पीने का उपयोग किया जा रहा है।

ज्ञात हो कि पोटाकेबिन तारलागुड़ा मेंं फिल्टर प्लांट लगा हुआ हैं, लेकिन वह 1 साल से खराब पड़ा हुआ हैं उसे सुधार नहीं किया जा रहा हैं। कन्या पोटाकेबिन, बालक पोटाकेबिन, आरएमएसए बालक और बालिका में लगभग पांच सौ से अधिक बच्चे रहते हैं। 

बीआर बंजारे ने बताया कि बोरिंग के पानी में 1.5 पीपीएम आयरन की मात्रा है, जो अधिक है। उस बोरिंग में फिल्टर प्लांट लगाकर पानी को शुद्ध किया जा सकता हैं, लेकिन अभी की स्थिति में पीने लायक नहीं हैं। अधीक्षक के कहने पर बोरिंगों को बंद नहीं किया गया है, उससे बाहरी उपयोग किया जाएगा। 
 

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