बीजापुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 18 जुलाई। बिजली के गुल होते ही आश्रम शालाओं में अंधेरा छा जाता है। पोटाकेबिन तारलागुड़ा में कई महीनों से सोलर पैनल खऱाब पड़े हुए हैं, जिसकी वज़ह से बिजली के चले जाने से पोटाकेबिन के बच्चे अंधरे में रात गुजार रहे हैं।
देखा जाए तो इस इलाके में बिजली की समस्या काफ़ी अधिक हैं और ग्रामीण स्तरों में स्थिति और भी खऱाब है। रोजाना घंटों बिजली कट जाती है और शाम के समय बिजली गई तो पूरी रात नहीं आती, दूसरे दिन भी कब आए, इसका भरोसा नहीं रहता हैं।
इन दिनों पोटाकेबिनों में अंधेरा छाया हुआ है। यहां लगे सोलर पैनल खऱाब हो चुके हैं। जिले में पोटाकेबिन और आश्रम शालाओं की स्थिति ठीक नहीं है। अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। कहीं गन्दगी पसरी हुई हैं तो कहीं पानी की समस्या है। स्कूल आश्रम जजऱ्र हालत में हैं। पोटाकेबिन बम्बू स्ट्रक्चर खऱाब हो चुके हैं। ऐसी खऱाब स्थिति में बच्चों को रखकर पढ़ाया जा रहा है, लेकिन इसकी सुध लेने का प्रयास अब तक नहीं हो पाया है।
मोमबत्ती के सहारे बच्चों की हो रही पढ़ाई
लाइट के गुल होने के बाद बच्चे मोमबत्ती के सहारे पढ़ाई कर रहे हैं। आश्रमों के कमरों में मोमबत्ती लाइन से लगाई जाती है। मोमबत्ती के पास बैठकर पढ़ाई करते हैं। अंदरूनी गांवों में लाइट की स्थिति को देखकर प्रशासन ने सोलर पैनल की व्यवस्था की है, लेकिन वह कुछ समय चलने के बाद खऱाब हो गए हैं। सोलर लाइट को समय-समय पर मेंटेनेंस नहीं किया गया। सोलर लाइट के चालू हालत के वक्त लाइट जाने पर भी कोई फर्क नहीं पढ़ता था, लाइट के जाते ही सोलर अपना काम करना शुरू कर देता था, अब सब सिस्टम ठप पड़ा हुआ है।
सांप-बिच्छु का लगा रहता है डर
तारलागुड़ा पोटाकेबिन के आस-पास जंगलों से घिरा होने की वज़ह से जहरीले सांप-बिच्छू का डर बना हुआ रहता है। कई बार आश्रमों में सांप-बिच्छु घुस जाते हैं। बरसात के मौसम में अधिक खतरा होता है और लाइट भी इन्हीं दिनों में ज्यादा बार-बार चले जाता है, ऐसी हालत में बच्चे अँधेरे में रात गुजार रहे हैं।
कई महीनों से सोलर पैनल खराब
जानकारी के मुताबिक तारलागुड़ा कन्या पोटाकेबिन में लगा हुआ सोलर पैनल कई महीनों से खऱाब है, लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
डीएमसी एमवी राव ने बताया कि मैं अभी एक माह पहले चार्ज लिया हूं। उसके बाद तारलागुड़ा व अन्य पोटाकेबिनों का लगातार दौरा कर रहा हूं, मेरे जानकारी में बात आई है। कलेक्टर के संज्ञान में लाया हूं। उन्होंने तत्काल क्रेडा विभाग को सुधार करने के निर्देश दिए।