महासमुन्द
पढ़ाई के साथ-साथ जारी है कौशल विकास
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 28 दिसम्बर। जिले के बुंदेली चौकी में बच्चों का भविष्य गढ़ा जा रहा है। यहां से गुजरते वक्त राहगीरों को चौकी से क,ख, ग, घ के साथ ए, बी, सी, डी की आवाज भी सडक़ से सुनाई देती है। वजह यह है कि कोरोना काल में स्कूल बंद होने पर बुंदेली चौकी प्रभारी एएसआई विकास शर्मा के नेतृत्व में यहां कक्षा पहली से लेकर11वीं तक के छात्रों की कक्षाएं लग रही है।
चौकी प्रभारी विकास शर्मा, आरक्षक द्रोण कुमार सत्यम के साथ ही सभी पुलिसकर्मी बच्चों की अलग-अलग कक्षाएं लेते हैं। यहां 100 बच्चों को कोविड गाइड लाइन के मुताबिक सोशल डिस्टेंस के साथ ही पढ़ाया जा रहा है। इस अनोखे क्लास के बारे में चौकी प्रभारी विकास शर्मा कहते हैं-कोरोना संक्रमण के कारण पिछले 9 महीने से स्कूलें बंद हैं। लगातार स्कूलें बंद होने के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही थी। इसे ध्यान में रखते हुए चौकी में ही क्लास शुरू करने का विचार मन में आया। इसके बाद बुंदेली में इसके बारे में लोगों को जानकारी दी गई। अक्टूबर महीने में कुछ बच्चों के साथ चौकी के बैरक में क्लास शुरू किया गया। देखते ही बच्चों की संख्या बढ़ती चली गई। अभी पहली से लेकर 12वीं तक के 100 बच्चे यहां पढऩे आते हैं। यहां पढक़र बच्चे काफी खुश हैं। इससे हमारा हौसला और भी बढ़ा है। हम आगे भी इस अभियान को जारी रखेंगे।
पालक कहते हैं कि चौकी में पढऩे आने वाले छात्रों के स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखा जाता है। यहां बच्चों को सोशल डिस्टेंस के साथ पढ़ाया जाता है साथ ही सोशल डिस्टेंस से क्या फायदे हैं, इसकी जानकारी भी बच्चों को दी जाती है। कोरोना महामारी के लक्षण, कैसे फैलता है और इससे हम कैसे बच सकते हैं, इसकी भी जानकारी बच्चों को दी गई है। पढऩे के लिए आने वाले नए छात्रों को भी कोरोना महामारी से हम कैसे बच सकते हैं इसकी जानकारी दी जाती है। चौकी में पढऩे आने वाले सभी बच्चों को नि:शुल्क मास्क भी बांटे गए हैं।
छात्रों को सिर्फ उनके विषय वाले किताब ही नहीं पढ़ाए जाते बल्कि छात्रों को नैतिक शिक्षा भी दी जा रही है। साथ ही छात्रों को पुलिस और सेना सेवा में जाने के लिए उनके स्किल को डेवलप किया जा रहा है। इससे बच्चे खेल में भी आगे बढ़ रहे हैं। इसके लिए बच्चों को पीटी के साथ दौड़, ऊंची कूद और लंबी कूद भी कराया जाता है। बच्चे सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं बल्कि हर क्षेत्र में आगे बढ़ सके, इसी उद्देश्य को देखते हुए यहां इस तरह की शिक्षा दी जा रही है।