महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 29 दिसम्बर। खरीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए भारी मशक्कत करने के बाद अब किसानों को रकम निकालने के लिए भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसान सुबह 9 बजे से लेकर रात 8 बजे तक बैंक परिसर में रकम पाने इंतजार करते रहे।
यही नहीं बीते बुधवार को तो बैंक में इतने किसान पहुंचे कि रकम ही समाप्त हो गई थी। ऐसा एक बार नहीं बल्कि तीन बार हुआ। यही कारण है कि दोबारा रकम लाने में हुई देरी के कारण किसानों को भुगतान पाने में भारी समस्या हुई। बता दें कि कल सोमवार को तीन दिन के अवकाश के बाद बैंक खुले। इसके चलते काफी संख्या में किसान रकम लेने जिला सहकारी बैंक पहुंचे। बैंक प्रबंधन को इस बात का अंदाजा नहीं था कि किसान इतनी संख्या में पहुंच जाएंगे। यही कारण है कि बैंक में बड़ी रकम नहीं रखी गई थी।
वहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए बैंक प्रबंधन की ओर से कोई भी व्यवस्था नहीं की गई थी। यही कारण है कि बड़ी संख्या में ग्रामीण, महिलाएं और बुजुर्गों की भीड़ बैंक में उमड़ी रही। इस दौरान बैंक प्रबंधन की ओर से न तो सोशल डिस्टेंसिंग सम्बंधी कोई व्यवस्था कराई गई थी और न ही भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए कोई कर्मचारी ही मौजूद था।
कल ग्राम मुरकी की सुखवंतीन बाई ने बताया कि धान बेचने के बाद जैसे ही राशि बैंक में आने की खबर आई तो रुपए निकालने बैंक आई हूं। उसने बताया कि वह सुबह 11 बजे से बैंक पहुंच गई है, लेकिन रात आठ बज गए हैं, और अभी तक उन्हें बैंक प्रबंधन ने राशि का भुगतान नहीं किया है। कारण पूछने पर बैंक ने रकम खत्म होने की जानकारी दी। ग्राम चिंगरौद के किसान कुशराम ने बताया कि धान का रकम आने के बाद मजदूरों को उनकी मजदूरी का भुगतान करना है। तीन दिनों से बैंक बंद होने के कारण मजदूर रुपए के लिए घर पहुंच रहे हैं। सोमवार को बैंक खुला और रुपए निकालने के लिए सुबह 11 बजे से पहुंचा हूूं लेकिन प्रबंधन की लापरवाही के कारण रात के साढ़े आठ बज गए और अभी तक रुपए नहीं मिला है।
इसी तरह ग्राम बम्हनी के किसान राजू जांगड़े ने बताया कि धान बेचने के लिए समिति में रतजगा करना पड़ा। अब रुपए निकालने के लिए भी बैंक में रात रुकना पड़ेगा। क्योंकि अभी रात के साढ़े आठ बजे हैं और बैंक ने अभी तक रुपए देने के लिए नाम नहीं पुकारा है। विड्राल फार्म व पासबुक सुबह 11 बजे से जमा कर चुका हूं।प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में अब तक 79354 किसानों ने 27.80 लाख क्विंटल धान बेचा है। नोडल अधिकारी डीएल नायक ने बताया कि अब तक जिले के 76932 किसानों को भुगतान जारी कर दिया गया है।
इन किसानों को 482 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। रुपए निकालने के लिए किसान बैंक पहुंच रहे हैं। किसानों को भुगतान करने के साथ ही ऋण वसूली भी जारी है। अभी तक 38733 किसानों से 128 करोड़ रुपए की वसूली हो गई है। 44 हजार किसानों को 2,99,31,06,773 रुपए का ऋण खेती किसानी के लिए दिया गया है। परसों 31 जनवरी तक किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान खरीदा जाएगा। अभी तक 79354 किसानों ने 138 समितियों के माध्यम से धान बेच दिया है। 60 हजार किसान धान बेचने के लिए शेष हैं। किसानों को धान बेचने के लिए 20 से 22 दिन ही मिलेंगे। क्योंकि शेष दिन शासकीय अवकाश रहेगा। अवकाश में खरीदी नहीं होती है।