महासमुन्द

आखिरी दिन धान नहीं बेच पाए साढ़े 3 हजार किसान
31-Jan-2021 4:06 PM
आखिरी दिन धान नहीं बेच पाए साढ़े 3 हजार किसान

3500 किसानों के लिए टोकन जारी किया गया था, लेकिन पहुंचे 3125 किसान ही 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 31 जनवरी।
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के कल अंतिम दिन पंजीकृत करीब तीन हजार 600 किसान धान नहीं बेच पाए। महासमुन्द जिले में एक लाख 36 हजार 387 किसानों ने 14 अरब एक करोड़ 33 लाख 65 हजार का धान बेचा है। अब धान की खरीदी के लिए तारीख नहीं बढ़ेगी। 

अधिकारियों का कहना है कि जिलेभर में 3500 किसानों के लिए अंतिम दिन टोकन जारी किया गया था, लेकिन धान बेचने के लिए 3125 किसान ही आए थे। जिला खाद्य अधिकारी नितिश त्रिवेदी ने बताया कि जितने किसान धान बेचने के लिए उपार्जन केंद्र पहुंचे थे। उन सभी किसानों से धान देर रात तक खरीदी की गई है। शेष किसान धान बेचने के लिए केंद्र नहीं पहुंचे थे। इसलिए उनसें खरीदी नहीं हो पाई है। 

 शुक्रवार को बारिश होने की वजह से अंतिम दिन धान बेचने में आपाधापी मच गई थी है। देर रात तक किसानों से धान की खरीदी की गई। जो किसान बेचने के लिए केंद्र नहीं पहुंचे थे, उनका धान नहीं लिया गया है। बीते 29 जनवरी को धान बेचने के लिए 3500 किसानों ने टोकन लिया था। इन किसानों से एक लाख 76 हजार क्विंटल धान की खरीदी की जानी थी, लेकिन 3125 किसान से एक लाख 59 हजार 950 क्विंटल धान की खरीदी की गई। इस तरह 16 हजार क्विंटल धान की खरीदी नहीं हो पाई। अब जो किसान धान बेचने उपार्जन केंद्र नहीं पहुंचे हैए उन्हें सर्मथन मूल्य का लाभ मिलेगा। हालांकि पिछले साल की अपेक्षा इस बार 10 हजार किसानों ने अधिक पंजीयन कराया था। इसके चलते संभावित लक्ष्य तक खरीदी हुई है।

खरीफ  सीजन 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का काम शुक्रवार को पूरा कर लिया गया। चालू वर्ष में 7500893.2 क्विंटल धान की खरीदी की गई। पिछलें वर्ष के मुकाबले 6 प्रतिशत् की वृद्धि हुई। जिले में 136387 किसानों ने धान बेचा। वहीं खरीफ विपणन वर्ष 2019.20 में 128719 कृषकों ने धान बेचा था। गत वर्ष के मुकाबलें चालू वर्ष में 5.96 प्रतिशत् अधिक किसानों ने धान बेचा। चालू सीजन में गत वर्ष की तुलना में धान खरीदी में 3.13 प्रतिशत् की वृद्धि हुई।  गत वर्ष 7272995 क्विंटल धान की खरीदी हुई थी। खाद्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गत वर्ष की पंजीकृत कृषकों में 5.24 प्रतिशत् वृद्धि हुई। किसानों के पंजीयन के पश्चात् राज्य शासन द्वारा रकबा संशोधन पर जिले के 1164 किसानों का पूर्व में दर्ज धान का रकबा जहां लगभग 1389 हेक्टेयर को 2187 हेक्टेयर में संशोधन किया गया। इस कारण लगभग 798 हेक्टेयर का संशोधन कर धान की रकबे में वृद्धि हुई।

खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में कुल पंजीकृत किसान 134029 थे। वहीं 2020-21 में 141053 किसानों का पंजीयन हुआ। जिले में मानसून के रहते अच्छी बारिश होने से धान की अच्छी उपज हुई है। धान की खरीदी के अंतिम दिन धान लेकर आने वाले किसानों से धान खरीदी की व्यवस्था प्रशासनिक निगरानी में की गई थी ताकि कोचिये, बिचौलिये की धान किसी भी स्थिति में न खप सके। 

ओडि़शा सरहद से लगे महासमुन्द जिले में पहले ही दिन से सीमावर्ती समितियों में निगरानी की गई थी। जिले में 17 चेक पोस्ट बनाए गए थे। गत वर्ष 49759.05 लाख रु पए बोनस राशि का वितरण किया गया। चालू वर्ष में 136387 किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य धान खरीदी पर 140133.65 लाख रूपए का भुगतान किया गया। खाद्य अधिकारियों ने बताया कि गत वर्ष पंजीकृत किसानों का कुल रकबा 216285 हेक्टेयर था। चालू खरीफ विपणन वर्ष में यह रकबा 214115 हेक्टेयर था। रकबें में 1प्रतिशत की कमी आई। 
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news