महासमुन्द
![परंपरागत से आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे किसान परंपरागत से आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे किसान](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1612180084.jpg)
सौर ऊर्जा से चलित पम्प, ड्रिप इरीगेशन सिस्टम का कर रहे उपयोग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 1 फरवरी। क्षेत्र के किसान अब परंपरागत खेती से बाहर आकर आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। किसान नित नए प्रयोग कर परंपरागत फसल न लेकर बाहर महीने सब्जी, भाजी की खेती कर रहे हैं और लाखों रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं।
आधुनिक खेती की ओर कदम बढ़ाने वाले किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। हाल ही में क्षेत्र के किसानों को सौर ऊर्जा से चलित पम्प, ड्रिप इरीगेशन सिस्टम जैसी सुविधाएं मुहैया कराई गई है। ऐसे ही एक किसान हैं सुनील खेश। सरायपाली ब्लॉक के ग्राम छुईपाली के किसान सुनील भी अब परंपरागत खेती को छोड़ आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले उनका परिवार परंपरागत खेती करता था। बारिश ठीक से नहीं होने पर कई बार फसल बर्बाद हो जाती थी। इससे कई बार लाखों रुपए का घाटा होता था।
इनका कहना है कि जब जिला उद्यानिकी विभाग की राष्ट्रीय विकास योजना के बारे में जानकारी मिली तो मैंने 4000 वर्गमीटर में नेट हाऊस और ड्रिप इरीगेशन सिस्टम भी लगाया है। इसके बाद से मैं और मेरा परिवार वर्षभर सब्जी की खेती कर रहा है। सब्जी की खेती करने वाले सुनील और उनके परिवार को अब इस खेती से मुनाफा होने लगा है। शेडहाउस के लिए उन्हें 50 प्रतिशत अनुदान मिला। इसके बाद से वे 12 महीने सब्जी की फसल ले रहे हैं। वर्तमान में उन्होंने 40 क्विंटल बरबट्टी की पैदावार की। स्थानीय बाजार में उसे बेचने पर 1 लाख रुपए की आमदनी हुई। सुनील ने बताया कि वे खाद.बीज, रोग दवाइयों के खर्च की कटौती कर 67 हजार रुपए का शुद्ध लाभ हुआ। वे वर्ष में सब्जी.भाजी उगाकर एक से डेढ़ लाख रुपए की शुद्ध लाभ आय कर रहे हैं।
किसान सुनील खेश ने बताया कि नेट हाउस के जरिए सब्जियों की खेती करने के कई सारे फायदे हैं। पहला यह क हर मौसम में सभी तरह की फसल ले सकते हैं और दूसरा यह कि नेट हाउस होने के कारण कीट.पतंगे एवं खरपतवार का प्रकोप भी कम होता है। हर मौसम में फसल की सुविधा होने के कारण वर्षभर अलग-अलग सब्जियों की खेती की जा सकती है।