महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 3 फरवरी। महासमुन्द जिले में अधिकारियों की मिलीभगत से एक प्रधान पाठक द्वारा जीपीएफ में जमा रकम से अधिक पैसे निकालने के पांच साल पुराने मामले में दुबारा संज्ञान लेते हुए अवर सचिव ने कार्रवाई के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र प्रेषित किया है। इसके बाद जिला शिक्षा विभाग ने 21 जनवरी 2021 को सतीश नायक सहायक संचालक, योगराम लहरे तत्कालीन बीईओ, जेआर डहरिया बीईओ, महेंद्र कुमार महापात्र सेवानिवृत्त प्रधान पाठक और शिकायतकर्ता विनोद दास को 6 फरवरी को समस्त दस्तावेजों के साथ जांच के लिए बुलाया है।
बसना विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी जेआर डहरिया ने बताया कि उच्चाधिकारी के आदेश से महेन्द्र महापात्र से कुछ राशि जमा करवा कर उसके समस्त राशि का भुगतान किया गया है। अब अतिरिक्त ऋणात्मक राशि की वसूली होगा। वैसे महेन्द्र महापात्र ने वसूली हेतु सहमति में हलफनामा भी दिया है।
इस मामले की शिकायत और जांच के उपरांत पूर्व में भी शिक्षक से वसूली का आदेश शासन की ओर से दिया गया था लेकिन जिले के अधिकारियों ने शिक्षक से वसूली नहीं की और वसूली किए बगैर ही उक्त प्रधान पाठक के सेवानिवृत्त होने पर उसे समस्त राशि का भुगतान भी कर दिया। अब एक बार फिर से जब मामले की शिकायत हुई तो जिला शिक्षा विभाग ने मामले की जांच के लिए सम्बंधित अधिकारियों के साथ सेवानिवृत्त प्रधानपाठक और शिकायतकर्ता को जांच के लिए बुलाया है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से सम्बंधित को इस मामले में पत्र जारी कर 6 फरवरी को जांच के लिए बुलाया गया है।
यह पूरा मामला बसना विकासखंड का है। दस्तावेजों के अनुसार बसना ब्लॉक में पदस्थ प्रधान पाठक महेंद्र कुमार माहापात्र ने स्वयं के सामान्य भविष्य निधि के खाते से ऋणात्मक जमा राशि से अधिक राशि का आहरण कर लिया था। वर्ष 2015 में आरटीआई कार्यकर्ता विनोद दास ने इस पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर महासमुन्द से की थी। कलेक्टर ने उक्त लिखित शिकायत की जांच कोषालय अधिकारी के माध्यम से कराया। जांच के पश्चात जिला कोषालय अधिकारी ने रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी, जिसके आधार पर तात्कालीन कलेक्टर उमेश कुमार अग्रवाल ने 2 जुलाई 2015 को सचिव छग शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय को जांच प्रतिवेदन सहित दस्तावेज भेजा था।
वहीं शासन की ओर से 23 जुलाई 2016 को जिला शिक्षा अधिकारी महासमुन्द को पत्र प्रेषित कर 11 लाख 83 हजार 313 रुपए वसूली का आदेश दिया गया था। लेकिन अधिकारियों ने उक्त राशि की वसूली नहीं की। बल्कि प्रधान पाठक के सेवानिवृत्त होने पर अंतिम भुगतान भी कर दिया। बसना ब्लॉक के बीईओ की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी को 26 नवम्बर 2019 को जारी किए गए पत्र में इस विषय का उल्लेख किया गया है। इसी पत्र में उल्लेख है कि महेंद्र कुमार माहापात्र के जीपीएफ लेखा पर्ची में 16 लाख 21 हजार 472 रुपए ऋणात्मक है, जिसकी वसूली शेष है।
शिक्षा विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं होते देख शिकायतकर्ता विनोद दास ने एक बार फिर से मामले की शिकायत अवर सचिव छग शासन स्कूल शिक्षा विभाग से की थी। मामले को तत्काल संज्ञान में लेते हुए अवर सचिव ने 10 दिसम्बर 2020 को मामले में कार्रवाई के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र प्रेषित किया है। इसके बाद जिला शिक्षा विभाग ने 21 जनवरी 2021 को सतीश नायक सहायक संचालक, योगराम लहरे तात्कालीन बीईओ, जेआर डहरिया बीईओ, महेंद्र कुमार महापात्र सेवानिवृत्त प्रधान पाठक और शिकायतकर्ता विनोद दास को 6 फरवरी को समस्त दस्तावेजों के साथ जांच के लिए बुलाया है।
बसना विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी जेआर डहरिया ने बताया कि उच्चाधिकारी के आदेश से महेन्द्र महापात्र से कुछ राशि जमा करवा कर उसके समस्त राशि का भुगतान किया गया है। अब अतिरिक्त ऋणात्मक राशि की वसूली होगा। वैसे महेन्द्र महापात्र ने वसूली हेतु सहमति में हलफनामा भी दिया है।