महासमुन्द
बारिश की संभावना को देखते हुए समितियों को कैप कवर की व्यवस्था के निर्देश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 6 फरवरी। महासमुन्द में सुबह से तेज ठंडी हवाएं उत्तर दिशा की ओर से बह रही है। लिहाजा एक बार फिर से ठंड का मौसम आ पहुंचा है। मौसम विज्ञानी कहते हैं कि एक द्रोणिका ऊपरी हवा के चक्रीय चक्रवाती घेरा से विदर्भ तक 0.9 किमी तक ऊंचाई में स्थित है। इसी से मौसम बदल रहा है। मौसम के उतार चढ़ाव के कारण फरवरी माह में ठंडकता बनी हुई है। रात में तापमान गिर जाने से ठंड का अहसास बढ़ा है। आज और कल फिर मौसम में बदलाव आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। गरज चमक के साथ बारिश के छींटे की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार महासमु्द जिले में एक चक्रीय चक्रवाती घेरा उत्तर पूर्व मध्य प्रदेश और उसके आसपास 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। एक द्रोणिका इस ऊपरी हवा के चक्रीय चक्रवाती घेरा से विदर्भ तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। प्रदेश में इन मौसमी तंत्र के प्रभाव हल्की वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पडऩे की संभावना है। कल 7 फरवरी की सुबह से ही न्यूनतम तापमान में गिरावट होने की संभावना है। फरवरी में कड़ाके की ठंड के बाद अब सर्दी खत्म हाने लगी है। लेकिन मौसम के बदलाव के चलते यह ठंड जाने का नाम ही नहीं ले रही है। अगले दो दिन में एक बार फिर ट्रफ बनने के कारण बदली व छींटे पडऩे के आसार हैं।
मौसम विभाग के सहायक विशेषज्ञ एचपी चंद्रा ने बताया कि ऊपरी हवा में बना चक्रवात उतपरी छग पर प्रभावी होगा। इसके प्रभाव से कुछ जगहों का मौसम बदलेगा। उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान और उससे लगे पाकिस्तान के ऊपर बना हुआ है। अगले 24 घंटे में इसके प्रभाव से न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी और अधिक तापमान में गिरावट आएगी। शनिवार और रविवार को मध्य भाग में गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा भी हो सकती है। बारिश होने से तापमान में गिरावट आने के साथ ही साथ ठिठुरन भी बढ़ेगी। इसका स्वास्थ्य पर पड़ता है। ज्यादा असर बुर्जुगों व बच्चों के साथ दमा के मरीजों में पड़ती है। इसके अलावा वायरल अधिक बढ़ती है।
जिले के डॉक्टरों ने लोगों को कोरोना के चलते इस गर्म-सर्द मौसम से बचाव की अपील की है। डाक्टरों का कहना है कि दिन और रात के तापमान में अंतर के कारण गर्म-सर्द की शिकायतें आ रही है। गले में खराश और सर्दी जैसे फ्लू के लक्ष्ण दिखा सकते हैं। जिसके चलते निजी व सरकारी अस्पतालों में भीड़ भी बढ़ जाती है। मौसम के उतार चढ़ाव के कारण ऐसी स्थिति निर्मित होती है। मौसम को दखत हुए जिला प्रशासन ने भी उपार्जन केंद्रों में खुले में पड़े धान को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं। इन केन्द्रों में धान उठाव के लिए विपणन विभाग के अधिकारी लगे हैं। बारिश के संभावना को देखते हुए समितियों को कैप कव्हर की व्यवस्था के लिए कहा गया है।