विचार / लेख
-पंकज चतुर्वेदी
कल यानी 20 मार्च को सुबह सूरज पूर्व दिशा में निकलेगा ! यह सौर मंडल की एक अद्भुत घटना है !!
आप तो यही कहेंगे न कि इसमें क्या अद्भुत है, सूरज तो रोज ही पूरब में उदय होता है .लेकिन विचित्र किन्तु सत्य यही है कि हर रोज सूरज ठीक पूर्व दिशा में नहीं उगता, साल में केवल दो बार ही ऐसा होता है- इसे "मार्च एक्विनोक्स " कहा जाता हैं , सूरज, सौर मंडल का सबसे बड़ा तारा है जिस पर धरती का अस्तित्व टिका है . असल में हर दिन सूर्योदय पूर्व दिशा के आसपास होता हैं जैसे इन दिनों सूर्योदय की दिशा दक्षिण-पूर्व है, कल के बाद यह उत्तर-पूर्व हो जायेगी.
कल यानी 20 March को सूर्य भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर होगा, अर्थात धरती पर सभी जगह सूर्योदय ठीक पूर्व दिशा में होगा .
इसके बाद इसी साल 23 सितम्बर को भी यह खगोलीय घटना होगी, तब सूरज दक्षिण-पूर्व हो जाएगा ,.“एक आम कहावत है कि परछाई कभी साथ नहीं छोड़ती, पर खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक साल के दो दिन ऐसे होते हैं, जब परछाई भी साथ छोड़ देती है।”,
हो सकता है कि किसी की आस्था को ठेस लगे, लेकिन हकीकत यही है कि सूर्य की दिशा मकर संक्राति को नहीं बल्कि "मार्च इक्विनोक्स " के समय ही बदलती है . इक्विनोक्स शब्द लैटिन के एक्वुअस (बराबर) और नॉक्स (रात) से बना है।
इक्विनोक्स के आस-पास दिन और रात तकरीबन समान अवधि की होती है क्योंकि सूर्य की किरणें सीधी विषुवत रेखा पर पड़ती हैं। अर्थात इस दिन दिन और रात की अवधि बराबर होती है , इसे स्प्रिंग या वसंत का पहला दिन भी कहते हैं.
हर साल यह परिवर्तन लगभग इन्हीं तारीखों के आसपास होते हैं
तो कल जल्दी उठ कर थी पूरब का सूरज देखने से मत चूकना