विचार / लेख

भाजपा और आप : दोनों डरपोक
13-Oct-2022 12:29 PM
भाजपा और आप : दोनों डरपोक

बेबाक विचार : डॉ. वेदप्रताप वैदिक

दिल्ली प्रदेश की सरकार के एक मंत्री राजेंद्रपाल गौतम को इसलिए इस्तीफा देना पड़ गया कि उसने आंबेडकर भवन की एक धर्म-परिवर्तन सभा में भाग लिया था। उस सभा में कई हिंदू अनुसूचित लोगों ने बौद्ध धर्म स्वीकार किया था और आंबेडकर ने 1956 में बौद्ध धर्म स्वीकार करते हुए जो प्रतिज्ञा अपने अनुयायियों से करवाई थी, उसे भी वहां दोहराया गया था। उस प्रतीज्ञा में 22 सूत्र थे, जिनमें से पहले पांच सूत्र ऐसे थे, जिनमें ब्रह्म, विष्णु, महेश, राम, कृष्ण, गणेश आदि को भगवान मानने और उनकी पूजा के विरुद्ध संकल्प लिया गया था।

भाजपा के कुछ नेताओं ने इसी बात को भडक़ाऊ मुद्दा बना दिया और केजरीवाल की ‘आप पार्टी’ पर हमला बोल दिया। हिंदू वोट कट न जाएं, इस डर के मारे केजरीवाल सरकार के अनुसूचित जाति के उक्त मंत्री ने इस्तीफा दे दिया। इससे ज्यादा शर्म की बात क्या हो सकती है? यह शर्म की बात भाजपा और ‘आप’, दोनों के लिए है। भाजपा के लिए इसलिए है कि आजकल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आंबेडकर की जितनी माला फेर रहे हैं, उतनी कोई ‘आप’ नेता नहीं फेर रहा।
यदि उस प्रतिज्ञा से आपको इतनी घृणा है तो देश में भाजपा के लोग देश में आंबेडकर-विरोधी अभियान क्यों नहीं चलाते? आंबेडकर की मूर्तियों पर वे माला क्यों चढ़ाते हैं? आंबेडकर की किताबों पर वे प्रतिबंध क्यों नहीं लगाते? आंबेडकर ही नहीं, देश के अन्य महापुरुषों जैसे महावीर, बुद्ध, महर्षि दयानंद सरस्वती आदि की भी आप भर्त्सना क्यों नहीं करते?

वे भी राम, कृष्ण, ब्रह्मा, विष्णु, महेश वगैरह को भगवान नहीं मानते थे। बुद्ध और महावीर तो सृष्टिकर्त्ता ईश्वर की सत्ता से ही इंकार करते हैं। वे निमित्त कारण का निषेध करते हैं। हमारा चार्वाक संप्रदाय तो इनसे भी आगे जाता है। क्या ये सब हिंदू-द्रोही हैं? क्या ये सब देश के दुश्मन हैं?

यदि ऐसा है तो आप पहले इन अनुसूचित बौद्धों और सिखों को और अब अनुसूचित मुसलमानों और ईसाइयों को क्या सोचकर आरक्षण दे रहे हैं? क्या यह ढोंग नहीं है? भाजपा से भी ज्यादा डरपोक निकली आप पार्टी! उसने अपने मंत्री को इस्तीफा क्यों देने दिया? वह डटी क्यों नहीं?

उसने वैचारिक स्वतंत्रता के लिए युद्ध क्यों नहीं छेड़ा? क्योंकि भाजपा, कांग्रेस और सभी पार्टियों की तरह वह भी वोट की गुलाम है। हमारी पार्टियों को अगर सत्य और वोट में से किसी एक को चुनना हो तो उनकी प्राथमिकता वोट ही रहेगा।

(नया इंडिया की अनुमति से)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news