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ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की हालत पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से भी बदतर
15-Oct-2022 3:24 PM
ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की हालत पाकिस्तान, बांग्लादेश  और नेपाल से भी बदतर

साल 2022 के ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट जारी हुई है, जिसमें भारत से बेहतर स्थिति में उसके पड़ोसी देश पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश हैं।

121 देशों की रैंकिंग को लेकर जारी इस रिपोर्ट में भारत 107वें पायदान पर है जबकि उसका पड़ोसी देश पाकिस्तान 99वें पायदान पर है।

इस सूची में दक्षिण एशिया का सबसे बेहतर स्थिति में देश श्रीलंका है। आर्थिक दिक़्क़तों से जूझ रहे श्रीलंका को इस इंडेक्स में 64वां स्थान दिया गया है।
भारत के पड़ोसी देश नेपाल 81वें स्थान पर जबकि बांग्लादेश 84वें स्थान पर है।

सिर्फ एक पड़ोसी देश अफगानिस्तान को छोडक़र सभी की स्थिति हंगर इंडेक्स में भारत से बेहतर है। अफगानिस्तान इस सूची में 109वें स्थान पर है।
 

क्या है ग्लोबल हंगर इंडेक्स
ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भूख को व्यापक रूप से मापने और उन पर नजऱ रखने का एक जरिया है।


जीएचआई का स्कोर खासकर के चार संकेतकों के मूल्यों पर मापा जाता है जिनमें कुपोषण, शिशुओं में भयंकर कुपोषण, बच्चों के विकास में रुकावट और बाल मृत्यु दर है।


जीएचआई का कुल स्कोर 100 पॉइंट होता है, जिसके आधार पर किसी देश की भूख की गंभीरता की स्थिति दिखती है। यानी के अगर किसी देश का स्कोर जीरो है तो उसकी अच्छी स्थिति है और अगर किसी का स्कोर 100 है तो उसकी बेहद खराब स्थिति है।


भारत का स्कोर 29.1 है जो कि बेहद गंभीर श्रेणी में आता है।


इसके अलावा कुल ऐसे 17 शीर्ष देश हैं, जिनका स्कोर 5 से भी कम हैं। इन देशों में चीन, तुर्की, कुवैत, बेलारूस, उरुग्वे और चिली जैसे देश शामिल हैं। वहीं मुस्लिम बहुल देशों की स्थिति की बात करें तो यूएई 18वें, उज्बेकिस्तान 21वें, कजाखस्तान 24वें, ट्यूनीशिया 26वें, ईरान 29वें, सऊदी अरब 30वें स्थान पर है।
 

भारत की क्या है स्थिति
जीएचआई जिन चार पैमानों पर मापा जाता है उसमें से एक बच्चों में गंभीर कुपोषण की स्थिति को देखें तो भारत में इस बार उसे 19.3 फीसदी पाया गया है जबकि 2014 में यह 15.1 फीसदी था। इसका अर्थ है कि भारत इस पैमाने में और पिछड़ा है।
वहीं अगर कुल कुपोषण के पैमाने की बात की जाए तो वो भी काफी बढ़ी है। ये पैमाना देश की कुल आबादी कितना खाना खाने की कमी का सामना कर रही है उसको दिखाता है।

इंडेक्स के मुताबिक, भारत में 2018 से 2020 के बीच जहाँ ये 14.6 फीसदी था वहीं 2019 से 2021 के बीच ये बढक़र 16.3 फीसदी हो गया है। इसके मुताबिक़ दुनिया में कुल 82.8 करोड़ लोग जो कुपोषण का सामना कर रहे हैं उसमें से 22.4 करोड़ लोग सिर्फ भारत में ही हैं।

हालांकि, इस इंडेक्स में भारत के लिए अच्छी भी खबर है। इस इंडेक्स के दो पैमानों में भारत बेहतर जरूर हुआ है।

बच्चों के विकास में रुकावट से संबंधित पैमाने में भारत 2022 में 35.5 फ़ीसदी है जबकि 2014 में यह 38.7 फीसदी था।


वहीं बाल मृत्यु दर 4.6 फीसदी से कम होकर 3.3 फ़ीसदी हो गई है। हालांकि जीएचआई के कुल स्कोर में भारत की स्थिति और खऱाब हुई है। 2014 में जहाँ ये स्कोर 28.2 था वहीं 2022 में यह 29.1 हो गया है।

दुनिया की कुल भूख की स्थिति की बात की जाए तो हालिया सालों में यह स्थिर रही है। साल 2022 की रिपोर्ट में पूरी दुनिया के मामले में भूख की स्थिति को मध्य श्रेणी में रखा गया है। 2014 में जहाँ दुनिया का कुल स्कोर 19।1 था वो 2022 में घटकर 18।2 हुआ है।

इस रिपोर्ट में कुल 44 देश ऐसे हैं जिनकी स्थिति बेहद खतरनाक स्तर पर है जिनमें भारत भी शामिल है।

मोदी सरकार पर निशाना
ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट सामने आने के बाद केंद्र की मोदी सरकार की आलोचनाएं भी शुरू हो गई हैं।

पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी। चिदंबरम ने ट्वीट किया है कि ‘माननीय प्रधानमंत्री कुपोषण, भूख और बच्चों में कुपोषण जैसे असली मुद्दों को कब देखेंगे।’

चिदंबरम ने आगे लिखा कि ‘भारत के 22.4 करोड़ लोगों को कुपोषित माना गया है। भारत की ग्लोबल हंगर इंडेक्स में रैंक लगभग बिल्कुल नीचे है, 121 देशों में 107वें स्थान पर।’

सीपीएम नेता और केरल के पूर्व वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने ट्वीट किया है कि ‘भारत को 2022 में ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 107वां स्थान मिला है। सिफऱ् अफग़़ानिस्तान दक्षिण एशियाई देशों में हमसे नीचे है। साल 2015 में भारत की रैंक 93 थी। बच्चों के कुपोषण के पैमाने में भारत की स्थिति बिगड़ते हुए 19।3 फ़ीसदी हो गई है जो कि दुनिया में सबसे अधिक है।’

सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया है कि ‘2014 के बाद से ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की तेजी से गिरावट हुई है। मोदी सरकार भारत के लिए विनाशकारी है। साढ़े आठ सालों में भारत को इस अंधेरे के युग में लाने के लिए सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’

केशव पंथी नामक एक ट्विटर यूजर ने बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘आपकी गंदी राजनीति और आप लोगों के कारण हम ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 107वें स्थान पर हैं। आपको शर्म आनी चाहिए।’
भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत सकल घरेलू उत्पाद यानी (जीडीपी) के मामले में ब्रिटेन को पछाडक़र विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।

ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने मार्च 2022 के अंत में ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया था। ब्लूमबर्ग ने ये निष्कर्ष अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के आंकड़ों के आधार पर निकाला था।

ब्लूमबर्ग के मुताबिक इस साल मार्च के अंत में भारत की अर्थव्यवस्था 854.7 अरब डॉलर की थी जबकि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डॉलर की थी।

ब्लूमबर्ग के अनुमान के मुताबिक अगले कुछ सालों में भारत ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था से और भी आगे निकल जाएगा।

वहीं हाल ही में आईएमएफ की एक ताजा रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया कि 2022 में भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर 6.8 प्रतिशत रहेगी। पहले ये अनुमान 7.4 प्रतिशत था।

आईएमएफ़ का ये भी कहना है कि 2023 में विकास दर और गिर सकती है और इसके 6.1 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से आगे बढ़ती रहेगी।

साल 2022 की ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट जारी हुई है जिसमें भारत से बेहतर स्थिति में उसके पड़ोसी देश पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश हैं।  (bbc.com/hindi)

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