विचार / लेख

रजनीश और शीला की कहानी...
06-Jun-2023 7:48 PM
रजनीश और शीला की कहानी...

-अंजलि मिश्रा
रजनीश की बात हो और माँ आनंद शीला का नाम ना आए ऐसा संभव नहीं है। रजनीश कोई बिजनेसमैन नहीं थे लेकिन वो बड़े ब्रांड की तरह बेचे गए थे और उन्होंने इस पर कभी आपत्ति नहीं दिखाई थी।

आज हम अपने देश के जितने बाबा लोगों को देख रहे है वो सब वैसे ही कारोबार कर रहे है जैसे कभी रजनीश ने किया विदेश में। वो जो तब कर चुके उसके बाद लोग, वो सब अब कर रहे है।

रजनीश की सेक्रेटरी माँ आनंद शीला गुजरात से थी वो पहली बार 21 साल की उम्र में रजनीश से मिली थी और उनसे वो बेहद प्रभावित थी। उनका विजन बहुत बड़ा था। वो आध्यात्म और ओशो के ज्ञान को और विचार को शुद्ध कारोबार की तरह बना कर बेच सकने की समझ रखती थी।

वो पॉवर और पैसा दोनों जानती थी उसका क्या कैसे इस्तेमाल करना है वो भी बखूबी जान रही थी। वो इतना सब अकेले अपने दम पर सोच और कर पाई ये आश्चर्य करता है। जिसकी तब कल्पना भी किसी ने नहीं की थी।

पुणे में रजनीश के आश्रम पर लोगों को आपत्ति थी इसलिए वो आश्रम छोड़ दिया गया और तब ये समझा था कि अर्ध नग्नता या नग्नता पर सिर्फ भारतीय को आपत्ति होगी और विदेशी बहुत ओपन माइंडेड होते है वहाँ सब चलेगा। लेकिन ऐसा क्या सच में था?

विदेश में लाखों एकड़ बंजर जमीन खरीद कर उसे संवारना और रहने लायक खूबसूरत बना देना और पूरा काम हो जाने पर रजनीश का महँगी कार में आगमन और फिर मौन अज्ञातवास।

शीला का सब कुछ संभाल लेना। उनका ही हर जगह दिखना, उनका ही सबके सामने रहना और बोलना बताना सबको समझाना किसे आगे क्या करना है। शीला का प्रभाव बढ़ाता गया।

भगवान रजनीश के अनुयायी की संख्या लगातार बढ़ रही थी। वो सडक़ पर हर जगह नजर आने लगे थे वो उन्मुक्त थे किसी बंधन में नहीं बंधे हुए नहीं थे। उनकी स्वच्छंदता वहाँ के लोगों को भी आश्चर्य में डाल रही थी।

रजनीश का उन्होंने हर तरफ प्रचार किया मीडिया का एटेंशन उनको मिल रहा था ,हर कोई उनकी तरफ देखने लगा।

लेकिन बहुत जल्द उनके फॉलोवर्स की हरकतें लोगों को नागवार गुजरी। आश्रम के अंदर क्या चल रहा है जानने की उत्सुकता भी लोग रोक नहीं पाए।

रजनीश किसी से मिलते नहीं थे मौन धारण कर चुके थे, सिर्फ अकेली शीला उनकी स्पोक्स पर्सन बन गई।

सिर्फ वो रोज रजनीश से मिलती वही बताती कि आगे क्या करना है। पुणे के आश्रम से निकल कर रजनीश के नाम का विदेश में एक पूरा शहर बसा सकने का सिर्फ सपना नहीं देख गया उसे शीला ने पूरा भी कर दिखाया।

एक बंजर जगह जहाँ कुछ नहीं था वहाँ एक पूरा शहर बसा देना, वो भी इतना विकसित जिसका पूरा सिस्टम आधुनिक हो ये एक बहुत बड़ा विजन है। लोग विकास होते समय तक चुप थे।

लेकिन जब शहर बस गया और लोग आने लगे और हर तरफ रजनीश के लाल रंग वाले फॉलोवर्स दिखने लगे तो उनको अपनी शांत जगह में खलल महसूस होने लगा ।वो रजनीश के अनुयायी से डरने लगे थे। वो उनको नापसंद करने लगे फिर जल्दी ही उनसे नफरत करने लगे।

आज हमारे देश में बहुत से बाबाओं का प्रवचन चलता है उनके फॉलोवर्स सेवा देने जाते है और बाहर दुकानें सजी रहती है जहाँ कंठी माला अंगूठी से लेकर हर चीज बेची जाती है।

आस्था के आगे निकल, किसी पर विश्वास भरोसा और उसके प्रभाव का असर इस हद्द तक छा जाए कि वो उनके लिये हर कुछ करने तैयार हो जाए। हिप्नोटाइज रजनीश कर लेते थे ये भी कई लोग बोलते है। हर कोई उनके प्रभाव में था। शीला पुणे आश्रम के बाद से भगवान रजनीश की सेक्रेटरी थी। जो पहली बार 21 साल की उम्र में रजनीश से मिली थी और उनके प्रेम में डूब गई या उनके प्रभाव में डूब गई। लेकिन वही थी जिसने रजनीश को एक ब्रांड बना दिया। जिसके फ़ॉलोअर्स विश्व भर में लोग बन गए ।शीला की सोच बड़ी थी।

लेकिन देश हो या विदेश हर जगह बस्ते तो इंसान ही है जो अपने जैसे इंसानों के बीच ख़ुद को सुरक्षित महसूस करता है कोई उनसे अलग दिखे तो उसे शक होता है कि वो उन्हें नुकसान पहुँचा सकता है।

रजनीश पुरम जैसा शहर एक वीराने में बसा देने के बाद जब रजनीश के अनुयायी भारी संख्या में वहा पहुँचने लगे तो उनके तौर तरीके से वहाँ के लोग घबरा गए। और हर तरह से रजनीश के अनुयायी का विरोध किया जाने लगा लेकिन शीला ने बहुत मेहनत से सब खड़ा किया था, वो पीछे हटने और सब छोड़ देने के लिए तैयार नहीं थी। जो लोग उनके विरोध में खड़े हो रहे थे वो उनको नुकसान ना पहुँचा दे इसलिए उनसे ज़्यादा ताक़त का इस्तेमाल वो ख़ुद को और अनुयायी लोगो को प्रोटेक्ट करने के लिए सहेजने लगी।

दोनों तरफ से आक्रमण होने लगे। जिसमें उनको जो सही लगा वो सब उन्होंने ख़ुद के अस्तित्व को बचाने के लिए किया। रजनीश मौन थे उनकी जगह बोल रही थी शीला।

सबके सामने चेहरा था जो सबको बता रहा था सबसे लड रहा था वो शीला का था ।
शीला पर ज़हर देकर मारने के आरोप लगे।

कानून तोडऩे के आरोप लगे। जिसके लिये वो जेल भी गई और बाद में अपने अच्छे व्यवहार की वजह से समय से पहले छूट भी गई।

रजनीश जब शीला पर इल्जाम लगाते है तो वो बेहद मामूली से आम व्यक्ति नजर आते है।

रजनीश को बहुत से लोगो ने पढ़ा है लोग उनके विचार को जानते है लेकिन शीला रहस्य है जिनके बारे में आप सब जानना चाहेंगे लेकिन जान कुछ नहीं पाएँगे। वो अब भी मौन है वो उत्तर बहुत सोच समझ के देती है।

शीला किस तरह की महिला है? हर कोई जानना चाहता है लेकिन इतना जरूर हर कोई जानता है कि वो एक मजबूत महिला है।

नेटफ्लिक्स में ये उपलब्ध है और एक बार देखने लायक डाक्यूमेंट्री है।

तो देख लीजिए भगवान बनने और बिखरकर आम बन जाने की इस पूरी कहानी को।

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