विचार / लेख
-मनीष सिंह
राहुल का लेटेस्ट वीडियो देखा क्या? एगजेक्टली जो राहुल मैं अपने जेहन में देखता हूँ, तमाम आलोचनाओं, चमचे, कांगी, वामी और तटस्थ न होने की तोहमतों के बावजूद, राहुल के जिस इंटेलक्ट के पक्ष में बात करता हूँ, लिखता हूँ.. वो आपको भी इस वीडियो में साफ साफ दिखेगा।
राहुल को लेकर बहुत अच्छी इमेज मेरे दिमाग मे नही थी। सबसे बड़ा कारण था, वो पथेटिक इन्टरव्यू, जो अर्नब ने लिया था, 2014 इलेक्शन के जस्ट पहले। लगभग लडख़ड़ाते, सकपकाते, कन्फ्यूज्ड राहुल की वही इमेज फ्रीज थी।
अक्टूबर या नवंबर 2018 में मुझे आमंत्रित किया गया, नागेन्द्र भाई के द्वारा जो कांग्रेस के अच्छे पद पर हैं। राहुल छतीसगढ़ इलेक्शन के सिलसिले में दौरे पर थे, खास खास लोगो से मिल रहे थे। मैं उस दौरान बड़ा भयंकर आपिया था, और फिर सेलेब्रिटीज से मिलने की मेरी इच्छा नही। मगर भाई साहब के बुलावे, दोबारा कॉल, और पासेज के इंतजाम आदि को देख, लिहाज में गया। तमाम एसपीजी चक्र पार कर हॉल में पहुंचा। सबसे आगे की रो में सीट मिली। मुझे भाई साहब ने कहा था- तू सवाल जरूर करना।
राहुल आये। कुछ मिनट के इंट्रोड्क्टरी स्पीच के बाद सवाल आमन्त्रित किये। पहला सवाल मेरा था, उत्तर दिया गया। कोई सात आठ मिनट, धाराप्रवाह, अर्टिकुलेटेड, एकदम सही शब्दो मे। सही शब्द के लिए उनका सेकेंड भर रुकना, और फिर निकलने वाले शब्द परफेक्ट होगा..। यह बन्दे की समूची पर्सनालिटी को समझने की चाबी है। बन्दा जरा थम लेगा, विचार कर लेगा, मगर फांस मारकर आगे नहीं बढ़ेगा।
वो वीडियो भी होगा मेरी वाल पर। उन साथ आठ मिनट में उनकी वीक कम्युनिकेटर की मेरी धारणा का परखच्चे उड़ गए। सोशल मीडिया के युग में, जब आपकी बात मेनस्ट्रीम मीडिया नहीं दिखा रहा, राहुल के छोटे-छोटे वीडियोज का ये तरीका मास्टरस्ट्रोक है। यकीन कीजिये, ये वीडियो छाने वाले हैं।
आलोचक कह सकते हैं, कि ये स्क्रिप्टेड है, रटाया हुआ है। मैं अपने अनुभव से साफ नकार सकता हूँ। इस वीडियो को बनाने में 20-30 मिनट से ज्यादा नहीं लगे होंगे। कन्टेन्ट उनका खुद का है, ये उसकी ओरिजनल समझ है, बात करने का तरीका है। अगला इंग्लिश में सोचता है, उसमें बड़े आराम से बोलता है। हिंदी में भी अब ठीक ही है। भाषा नहीं, कन्टेन्ट पर जाएंगे, तो जरूर आनंद आएगा।
अर्टिकुलेटेड थिंकिंग किसे कहते हैं, क्रिटिकल एनालिसिस क्या होता है, मैनेजमेंट के स्टूडेंट इस वीडियो से प्रेजेंटेशन का ट्यूटोरियल ले सकते हैं। वीडियो अब तक नहीं देखा, तो जरूर देखें। सरसरी देखा हो, तो दोबारा देखें।
Since 2014, the PM's constant blunders and indiscretions have fundamentally weakened India and left us vulnerable.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 17, 2020
Empty words don't suffice in the world of geopolitics. pic.twitter.com/XM6PXcRuFh