विचार / लेख
दयानिधि
शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने लोगों के माध्यम से भारी मात्रा में वातावरण में जारी होने वाली नाइट्रोजन के प्रभाव का मूल्यांकन किया है। मूल्यांकन के इस काम में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन भी शामिल थे। हर साल वातावरण में जारी होने वाली इस नाइट्रोजन का पर्यावरण और स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
नाइट्रोजन का उपयोग नाइट्रिक एसिड, अमोनिया बनाने में होता है। अमोनिया से उर्वरक, नायलॉन, दवाओं और विस्फोटकों का उत्पादन किया जाता है।
जैसा कि शोधकर्ताओं ने बताया, पर्यावरण में जारी मानव-संबंधित नाइट्रोजन की मात्रा पिछले कई दशकों से लगातार बढ़ रही है। वायुमंडल में बहुत सी गैसे पहले से ही है, नाइट्रोजन की मात्रा के बढऩे से लोगों का जीवन खतरे में आ गया है। यह शोध पत्र नेचर फूड नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
इस नए प्रयास में, शोधकर्ताओं ने वातावरण में जारी नाइट्रोजन की मात्रा को मापने का प्रयास किया ताकि यह पता लगाया जा सके कि हम ग्रहों की सीमा (प्लेनेटरी बाउंड्री) के कितने करीब आ रहे हैं। ग्रहों की सीमा (प्लेनेटरी बाउंड्री) एक अवधारणा है जिसमें पृथ्वी में होने वाली प्रक्रियाएं पर्यावरणीय सीमाओं के अंदर होने की बात कही गई है। ग्रहीय सीमाएं स्पष्ट रूप से वैश्विक स्तर के लिए डिज़ाइन की गई हैं। इसका उद्देश्य औद्योगिक क्रांति से पहले मौजूद सुरक्षित सीमाओं के भीतर पृथ्वी को बनाए रखना है। बहुत ज्यादा नाइट्रोजन हानिकारक हो सकती है क्योंकि इसमें से कुछ नाइट्रेट्स के रूप में उत्सर्जित होते हैं, जो जल प्रदूषण के लिए जाने जाते है। इसमें से कुछ को अमोनिया के रूप में भी उत्सर्जित किया जाता है, जो एक ग्रीनहाउस गैस है। नाइट्रोजन पानी में बहकर पानी के स्रोतों तक पहुच जाता है, जिससे वहां अधिक मात्रा में शैवालों को उगने में मदद कर सकती है जो उस क्षेत्र में रहने वाले अन्य सभी प्राणियों के लिए खतरनाक है। मनुष्य विभिन्न स्रोतों के माध्यम से नाइट्रोजन का उत्सर्जन करते हैं, जिनमें उर्वरक के रूप में इसका छिडक़ाव, सीवेज उपचार संयंत्रों, बिजली संयंत्रों और अन्य उद्योग शामिल है। नाइट्रोजन उत्सर्जन के लिए सबसे बड़ी पशुधन श्रृंखला जिम्मेदार है। पशुओं को खिलाने के लिए इस्तेमाल होने वाले भोजन को उगाने के लिए फसल पर भारी मात्रा में नाइट्रोजन युक्त उर्वरक डाला जाता है। उनकी खाद से भारी मात्रा में नाइट्रोजन निकलती है।
शोधकर्ताओं ने अकेले पशुधन श्रृंखला पर अपने प्रयासों को केंद्रित किया। दुनिया भर के आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद, उन्होंने गणना की कि पशुओं की वजह से हर साल 65 ट्रिलियन ग्राम नाइट्रोजन पर्यावरण में फैल रही है। यह वह संख्या है जो ग्रह की सीमा (प्लेनेटरी बाउंड्री) के लिए तय की गई गणना से अधिक है।
उन्होंने यह भी पाया कि पशुधन श्रृंखला पर्यावरण में जारी मानव-संबंधित नाइट्रोजन का लगभग एक-तिहाई हिस्से के लिए जिम्मेदार है। शोधकर्ताओं ने भविष्य में आपदा को रोकने के लिए नाइट्रोजन उत्सर्जन को कम करने पर जोर दिया है। (dw.com)