विचार / लेख

काहे होत अधीर, बढ़ जाएगी पीर
20-Jul-2020 8:30 PM
काहे होत अधीर, बढ़ जाएगी पीर

प्रकाश दुबे

कहते हैं, करमों की सजा इसी जनम में, इसी जग में मिल जाती है। भरोसा न हो तो अधीर रंजन बनर्जी से पूछ लो। अधीर बाबू लोकसभा में कांग्रेस पक्ष के नेता हैं। कम  सांसद जीते, इसलिए नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिला। संसद की सबसे ताक़तवर लोक लेखा समिति के सभापति हैं। लोकतंत्र की मज़बूती चाहने वालों ने प्रथा डाल दी कि विपक्ष में बैठने वाला सांसद ही सभापति बनेगा। झख मारकर विपक्ष को पद देना पड़ता है। जनता पर होने वाले खर्च की पूछताछ करने का समिति को अधिकार है। समिति की बैठक हो जाने के बाद पता लगा कि लोकसभा का अतिरिक्त सचिव कोरोना संक्रमित पाया गया। वह बैठक में हाजिऱ था। सचिवालय ने अधीर सहित बैठक में हाजिऱ रहने वाले दर्जन भर सांसदों को तन-दूरी बनाने और जांच कराने कहा  है। इसके ठीक पहले वाली बैठक में अधीर बाबू प्रधानमंत्री केयर फंड की जांच कराने के लिए अधीर थे। बहुमत सत्ता दल के सांसदों का है। उन्होंने पहल ठुकरा दी थी।

गजेन्द्र की गंगा में

केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ढंग से पुरोहिती नहीं कर पाए। सचिन पायलट भी नहीं समझ सके कि शादी-विवाह में कई अड़ंगे आते हैं। मर्जी से डा फारुक अब्दुल्ला की बिटिया से विवाह करने और मुख्यमंत्री बनने में अंतर है। शेखावत के विरुद्ध विधायकों को ललचाने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई। शेखावत ने सफाई देते हुए चुटकी ली--पति-पत्नी की तकरार में सात फेरे कराने वाले पुरोहित को दोष देना बेमानी हैं।  शेखावत ने आडियो मंत्र पढ़ा या नहीं? इसकी जांच तो आवाज़ की पहचान करने वाले विशेषज्ञ करेंगे। दो बरस पहले प्रधानमंत्री से लेकर अमित शाह तक ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। इसके बावजूद महारानी ने शेखावत को प्रदेश पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनने दिया था। महारानी वसुंधरा राजे के मुकाबले गजेन्द्र  और भांजे ज्योतिरादित्य असहाय हैं। दल बदल की गंगा में सचिन डुबकी लगाने पहुंचे जरूर। गंगा सफाई अभियान के मंत्री गजेन्द्र शेखावत तट पर खड़े देखते रहे। 

श्रीराम ने कहा-हे भगवान

भगवान का नाम लेना गलत नहीं हो सकता। नाम श्री राम है और जनता जनार्दन के परम भक्त। खनन घोटाले के कारण जनार्दन रेड्?डी की मंत्री वाली लाल बत्ती छिनी थी। जेल की काल कोठरी पहुंचने वाले जनार्दन रेड्डी के साथी बलारी श्रीरामुलु ने पार्टी छोड़ दी थी। कर्नाटक और तेलंगाना सरकारें खनन घोटाला भूल चुकी हैं। श्रीरामुलु पुरानी  नाराजग़ी भूलकर भाजपा में वापस लौटे। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री हैं। तस्वीरों में मुंह पर पट्?टी, मास्क लगाए दिखने वाले श्रीरामुलु ने मन की बात कही-कोरोना के कोप से सिर्फ भगवान ही बचा सकता है। ऐसा कहने का मतलब यह कतई नहीं रहा होगा, कि कर्नाटक सरकार या केन्द्र सरकार के काम में कोताही-कमी है। संक्रमित संख्या 50 हजार और मृतक संख्या एक हजार पार करने पर भगवान ही यादआएगा। गुजरात को पीछे छोड़ कर्नाटक चौथे स्थान पर है। 

खज़ाने की खोज

तेलंगाना राज्य में नया सचिवालय बनाने की योजना पर काम आरम्भ हो चुका है। पुरानी इमारत को ध्वस्त किया जा रहा है। जी ब्लाक को गिराते समय राज्य के मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक उपस्थित थे। इसमें चकित होने जैसी क्या बात है? है। आधी रात में इमारत ढहाने का मकसद? चर्चा है कि पुरानी इमारत से गुप्त खज़ाने तक सुरंग है। पुरातत्व विभाग से मांग की जा रही है कि पहले सुरंग और खज़ाने की वास्तविकता का पता लगाएं। तब तक काम रुकवा दें। अपने को तुर्रम खां मत समझो। यदि कह दिया कि मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव खज़ाने की खोज करा रहे हैं तो धर लिए जाओगे। राव इन दिनों प्रत्यक्ष दर्शन नहीं देते। किसी पत्रकार ने उन्हें कोरोना संक्रमित बता दिया। अब अदालत के चक्कर काट रहा है।

(लेखक दैनिक भास्कर नागपुर के समूह संपादक हैं)

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