विचार / लेख
-प्रकाश दुबे
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के समर्थक बेबाक सच कहने वाला कह कर वाहवाही करते हैं। अक्ल का इस्तेमाल करने से बचने वाले पप्पू की उनकी छवि विरोधियों ने बहुत पहले से बना रखी है। भले बुरे की परवाह किए बगैर राहुल मन की बात कहने से नहीं रुकते। बिहार में मंदिर निर्माण और घुसैठियों का मुद्दा गरमाने की कोशिश के बीच राहुल सभाओं में कहते फिरे-महागठबंधन की सत्ता आई तो सबसे पहले किशनगंज में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की शाखा खोली जाएगी। कांग्रेस राज में इसके लिए धनराशि का प्रावधान किया गया था। केन्द्र से कांग्रेस सरकार हटी। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल का साथ छोडक़र भाजपा के साथ चले गए। इसलिए वादा सरकारी फाइलों में धरा रह गया। कुछ कांग्रेसी खुश हुए। कुछ घबराए। अलीगढ़ मुस्लिम विवि छात्रसंघ के नेता को टिकट देकर कांग्रेस वैसे भी विवाद में फंसी है। विरोधियों ने जमकर प्रचार किया कि उम्मीदवार तो टुकड़े टुकड़े गिरोह का सरगना है। राहुल ने इन बातों पर माथापच्ची नहीं की। प्रधानमंत्री सहित कई नेताओं को राहुल की घोषणा पर फब्ती कसने का अवसर मिला।
ज्योतिषीजी का नया घर
बिहार के चुनाव में राजनीतिकों से दस कदम अधिक उत्सुकता पत्रकार बिरादरी की है। सबके अपने अपने कारण हैं। अपनी अपनी पसंद नापसंद है। देश के दो चैनलों ने चुनाव दिखाने का प्रचार करते हुए अपने दावे का प्रचार किया। विज्ञापन किया। होर्डिंग लगाए। इस होड़ में इंडिया टीवी के सर्वेसर्वा और चैनलों के एक संगठन के मुखिया पिछड़ गए। उन्हें पीछे छोडऩे वाले चैनल का नाम बिना बताए आप जान गए होंगे। रिपब्लिक टीवी ने अनेक शहरों के अनेक स्थानों पर हार्डिंग लगाए। अर्णब गोस्वामी की बडी सी तस्वीर के साथ भोजपुरी में लिखा था-केकर होईल बिहार (बिहार किसका होगा?) भारत में गणतंत्र की शुरुआत बिहार से हुई थी। बिहार में ही पता लगा कि दुनिया के एक गणतांत्रिक को अमेरिका में सरकारी मकान से बेदखल कर दिया। गणतंत्र के भारतीय टीवी प्रवक्ता की महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी आवास में रहने की व्यवस्था कर दी। बिहार का भविष्य कौन बाँचे?
लक्ष्मी का आवागमन
संसद की बहस से लेकर चुनाव प्रचार तक नकारात्मक बातें उछलती हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक इसके शिकार होते हैं। यह नहीं सोचते कि दोनों ने सांसारिक जीवन का सुख त्याग कर जनता का संसार सुधारने में जीवन लगा दिया। लोक जन शक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कई जगह सीता मैया का मंदिर बनाने की घोषणा दोहराई। अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का उल्लेख प्रधानमंत्री, योगी आदि नेता करते रहे। उ प्र के मुख्यमंत्री ने राम जन्मभूमि को सीता मैया की जन्मभूमि से जोडऩे के काम की प्रगति की जानकारी दी। योगी ने बताया कि काम पूरा होने पर अयोध्या से सीतामढ़ी, जनकपुर छह घंटे के अंदर पहुंचना संभव होगा। भविष्यवाणी से आये दिन सडक़ मार्ग से यात्रा करने वालों के चेहरे खिले। द्वापर युग में जानकी मायके से गाजे-बाजे के साथ अयोध्या पहुंचीं। दशहरे पर रावण को मार कर लक्ष्मी पूजन के दिन राजधानी में दीपोत्सव समारोह मनाया। लंका से वापसी के बाद राजाज्ञा के कारण लक्ष्मण जी रथ से ले जाकर भाभी को वन में छोड़ आये थे। वह वाल्मीकि आश्रम बिहार में है। वाल्मीकि नगर में लोकसभा का उपचुनाव है। सकारात्मक सोच के अवसर सर पर हैं-महामारी से मुक्ति, माँ जानकी का मंदिर, लक्ष्मी पूजन आदि आदि।
पटाखेबाज नेता
कोरोना के बहाने पटाखे फोडऩे से मनाही पर कई लोगों के चेहरे उतर गए। बनाने और बेचने वलों के तो बिना प्रदूषण आंखों से आंसू बहने लगे। महामारी से लेकर चुनाव हलचल के बीच किसी ने ध्यान नहीं दिया। एक ही बड़े दिल वाला है। दिल्ली में रहने वाले इस दिलवाले का नाम है-विजय गोयल। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार मे राज्य मंत्री रह चुके गोयल इन दिनो उपेक्षित हैं। गोयल ने दिल्ली सरकार से पटाखे वालों की नुक़सान भरपाई करने की माँग की पुराने लोकसभा क्षेत्र चाँदनी चौक के पटाखे वालों से मिलने के बाद गोयल ने चेतावनी दी-केजरीवाल सरकार मांग पूरी करे अन्यथा धरना दूंगा। पटाखे की पहली लड़ी की आवाज हुई। भाजपा शासित राज्यों में उल्टी प्रतिक्रिया है। पटाखा धमाके बाज है या फुस्स होकर रह जायेगा?
(लेखक दैनिक भास्कर नागपुर के समूह संपादक हैं)