विचार / लेख
- रौनक कोटेचा
संयुक्त अरब अमीरात ने हाल ही में अपने नागरिक और आपराधिक क़ानूनों में कुछ व्यापक बदलाव किये हैं. 84 लाख से अधिक आबादी वाले इस देश में (2018 में हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार) क़रीब 200 तरह की राष्ट्रीयता वाले लोग रहते हैं.
नागरिकों और वहां रह रहे प्रवासियों के जीवन को और अधिक सकारात्मक और अनुकूल बनाने के लिए ये संशोधन किए गए हैं. संयुक्त अरब अमीरात में रहने वाले प्रवासियों की एक बड़ी आबादी दक्षिण एशिया की है.
इन संशोधनों के तहत जो विदेशी यूएई में रह रहे हैं, उन्हें अब व्यक्तिगत मामलों को उनके अपने देश के क़ानून के अनुसार निपटाने की अनुमति होगी. मसलन, तलाक़ और अलगाव के मामले में, वसीयत या फिर संपत्ति के बंटवारे के मामले में, शराब की ख़पत के संबंध में, आत्महत्या, नाबालिग के साथ शारीरिक संबंध बनाने के मामले में, महिला सुरक्षा और ऑनर-क्राइम के मामले में.
इससे कुछ सप्ताह पहले ही संयुक्त अरब अमीरात ने इसराइल के साथ अपने रिश्तों को सामान्य करने के लिए ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किया है. इस क़दम के साथ ही ऐसी उम्मीद भी की जा रही है कि देश में इसराइली पर्यटकों और निवेशकों की आमद बढ़ेगी.
अंतरराष्ट्रीय क़ानूनी फ़र्म बेकर मैकेंज़ी के वकील आमिर अलख़ज़ा का कहना है, "नए संशोधन निवेशकों के विश्वास को बढ़ावा देने की कोशिश के तहत उठाया गया एक क़दम है."
वे आगे कहते हैं, "हाल के दिनों में संयुक्त अरब अमीरात की सरकार ने कई क़ानूनों में संशोधन किये हैं जो सीधे तौर पर प्रवासी आबादी को प्रभावित करते हैं. वो चाहे गोल्डेन वीज़ा स्कीम के तहत किए गए संशोधन हों या फिर उद्यमियों के रेज़िडेंसी वीज़ा की शर्तों में किये गए संशोधन."
अलख़ज़ा का कहना है कि सरकार ने संशोधन करके उन क़ानूनों में ढील दी है जिसके लिए अक्सर लोगों को (चाहें नागरिक हों या प्रवासी) दंडित किया जाता रहा है.
संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख ख़लीफ़ा बिन ज़ायेद ने सात नवंबर को फ़रमान जारी करके इन बदलावों की घोषणा की और ये संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू हो गए.
अलख़ज़ा कहते हैं, "ये एक संघीय क़ानून है. एक बार प्रकाशित हो जाने के बाद सभी नागरिकों को इसका पालन करना होगा."
अलख़ज़ा का मानना है कि नए संशोधन से देश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और सभी महत्वपूर्ण घटनाओं पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. जिसमें से एक बहुप्रतीक्षित आयोजन एक्स्पो 2021 भी है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन में कई महत्वपूर्ण निवेशक और लाखों दर्शक शामिल होंगे.
प्रवासियों के लिहाज़ से तलाक़, अलगाव और संपत्ति से जुड़े क़ानूनों में होने वाले संशोधन सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं. इन क़ानूनी संशोधनों के बाद अब अगर कोई जोड़ा अपने देश में शादी करता है लेकिन उनका तलाक़ संयुक्त अरब अमीरात में होता है तो उनके लिए उसी देश के क़ानून मान्य होंगे जहां उनकी शादी हुई थी. यानी उनके अपने देश के क़ानून उनके लिए मान्य होंगे.
अलख़ज़ा को लगता है कि इन संशोधनों को लागू करना आसान और प्रभावी होगा. उन्होंने कहा, "संयुक्त अरब अमीरात समाज प्रवासियों और यहां के मूल नागरिकों का एक मिश्रण है. दोनों ही बहुसंख्यकों के बीच एक-दूसरे को लेकर स्वीकार का भाव है और वे सभी की संस्कृति का सम्मान करते हैं."
उन क़ानूनों में भी बदलाव किए गए हैं जिनमें ऑनर क्राइम को अब तक संरक्षण प्राप्त था. अब इन्हें अपराध की श्रेणी में रखा गया है. नाबालिग या मानसिक तौर पर कम विकसित शख़्स के साथ रेप के दोषी को अब मृत्युदंड दिया जा सकता है.
बिना लाइसेंस के शराब का सेवन करते पाए जाने पर अब किसी तरह की सज़ा का सामना नहीं करना पड़ेगा. हालांकि, शराब पीने और ख़रीदने के लिए कुछ शर्तें लगाई गई हैं. जिनमें से एक यह है कि शराब पीने वाले की उम्र 21 साल से ऊपर होनी चाहिए.
एक भारतीय प्रवासी कहते हैं "पहले शराब पीने पर हमेशा डर रहता था. इन बदलावों से निश्चित तौर पर हम थोड़ा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं."
इन तमाम बदलावों के साथ ही संशोधन के तहत अब अविवाहित जोड़ों को साथ रहने की छूट मिल गई है. संयुक्त अरब अमीरात में इससे पहले अविवाहित जोड़ों का एक साथ रहना अपराध रहा है.
ये नए संशोधन विदेशी नागरिकों को विरासत, विवाह और तलाक सहित विभिन्न मुद्दों पर इस्लामिक शरिया अदालतों से बचने की अनुमति भी देते हैं.
28 साल की ज़रीन जोशी पिछले 25 सालों से दुबई में रह रही हैं. वह भारतीय मूल की हैं. उनका मानना है कि ये संशोधन विभिन्न राष्ट्रीयताओं को एक बड़ी स्वीकृति है.
उन्होंने बीबीसी से कहा, इससे हमें अपने घर के क़रीब होने जैसा महसूस हो रहा है.
वो आगे कहती हैं, इस क़दम से और निवेश की संभावनाएं बढ़ी हैं साथ ही यह फ़ैसला उन्हें यूएई में और वक़्त रहने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.
बहुत से लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर की है.
अबू धाबी में रहने वाले और पेशे से इंजीनियर गियूलियो ओचिओनेरो ने ट्वीट करके इस संबंध में खुशी जताई है. वो इस फ़ैसले को सिविल प्रोग्रेस के एक उदाहरण के तौर पर देखते हैं.
एक अन्य ट्विटर यूज़र युसूफ़ नज़र का कहना है कि इन संशोधनों से जोड़े बिना शादी किये भी साथ रह सकेंगे.
संयुक्त अरब अमीरात की अधिकारिक समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम के अनुसार, ये संशोधन देश के वैधानिक वातावरण को और बेहतर करने के लिए और लोगों को यहां रहने, काम करने के लिए प्रेरित करता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, यह बदलाव देश के प्रगति के पथ पर बढ़ने और विदेशी निवेश को लुभाने की दिशा में अपनी स्थिति को और मज़बूत करने के लिए हैं.
गल्फ़ न्यूज़ के एक संपादकीय में कहा गया है कि नए क़ानून विदेशी निवेशकों के वित्तीय हितों की स्थिरता को सुनिश्चित करेंगे.(bbc)