दन्तेवाड़ा

विधिक सहायता बंदियों का कानूनी अधिकार- न्यायाधीश
07-Nov-2022 9:26 PM
विधिक सहायता बंदियों का कानूनी अधिकार- न्यायाधीश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
 दंतेवाड़ा, 7 नवम्बर।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दंतेवाड़ा के मार्गदर्शन में जिला जेल दंतेवाड़ा में 31 अक्टूबर से 13 नवंबर तक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दंतेवाड़ा द्वारा कानूनी जागरूकता और आउटरीच मेगा विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत सोमवार को शैलेष शर्मा अपर सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट ) दंतेवाड़ा जिला जेल दंतेवाड़ा द्वारा जेल में परिरुद्ध दण्डित/विचाराधीन बंदियों को उनके विधिक अधिकारों एवं नालसा की योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी देकर उन्हें गुड टच, बेड टच जैसे विधिक जागरूकता संबंधित लघु फिल्में दिखाकर एवं नालसा थीम सांग सुनाकर विधिक सेवा प्राधिकरण के महत्व को अवगत कराया गया।
 
उन्हें दुबारा अपराध न कर व जेल में सामंजस्य स्थापित कर शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए प्रेरित किया तथा बंदियों से पृथक-पृथक पूछताछ कर उनकी कानूनी समस्याओं को निराकरण किये जाने के संबंध में प्रक्रियाओं एवं कार्यवाही से अवगत कराते हुए निराकरण कराने का आश्वासन दिया।

शैलेष शर्मा द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि कोई भी मनुष्य प्रारंभ से ही अपराधी नहीं होता हर व्यक्ति किसी न किसी विषम परिस्थिति या आवेश या गलत संगति के कारण विधिक ज्ञान के अभाव या जानकारी के अभाव में अपराध में शामिल हो जाता है। प्रत्येक विचाराधीन बंदी एवं दण्डत बंदी को निशुल्क विधिक सलाह एवं सहायता प्राप्त करने का विधिक अधिकार है। कोई भी व्यक्ति आर्थिक गरीबी या पिछडेपन या साधन के अभाव में न्याय प्राप्त करने से वंचित नहीं हो सकता है। जिसके लिए विधिक सेवा प्राधिकरण प्रतिबद्ध है तथा इस जिले में प्राय: सभी मामले में विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से नियुक्त पैनल अधिवक्ता के द्वारा प्रकरण के पैरवी कराया जाता है।

शिविर में जेल अधीक्षक जी.एस.शोरी, जेल कर्मी तथा 400 से अधिक विचाराधीन बंदी शामिल हुए।

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