दन्तेवाड़ा

लिखित पत्र मिलने के बाद आदिवासी महासभा की हड़ताल खत्म
08-Nov-2022 9:13 PM
लिखित पत्र मिलने के बाद आदिवासी महासभा की हड़ताल खत्म

   जनसुनवाई के विरोध के बाद चेकपोस्ट में धरने पर बैठे थे ग्रामीण   

एनएमडीसी में लौह अयस्क का उत्पादन पुन: शुरू
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
बचेली/किरंदुल, 8 नवंबर।
एनएमडीसी किरंदुल के खिलाफ आदिवासी महासभा द्वारा सीआईएसएफ चेकपोस्ट पर की जा रही अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार की शाम को जनसुनवाई के निरस्तीकरण के लिखित आवेदन के बाद खत्म हुई। जनसुनवाई का विरोध करने के बाद ग्रामीणों ने चेकपोस्ट पर जाकर धरने पर बैठ और कर्मियो को कार्यस्थल पर जाने से रोका था।

दरअसल, लौह अयस्क कंपनी एनएमडीसी किंरदुल के निक्षेप क्रं. 14 के विस्तारीकरण को लेकर जिला प्रशासन द्वारा किये गये जनसुनवाई का आदिवासी ग्रामीणों ने विरोध कर शामिल नहीं हुये थे। रविवार की शाम से सीआईएसएफ चेकपोस्ट पर पंडाल लगाकर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण धरने पर बैठे थे। अधिकारियों व कर्मचारियों को कार्यस्थल पर जाने से रोका था। जिससे 6 पालियों से एनएमडीसी में लौह अयस्क उत्पादन का कार्य पूरी तरह से ठप था। उत्पादन बंद होने से एनएमडीसी को करोड़ों का नुकसान हुआ है।

मंगलवार को जिला प्रशासन, एनएमडीसी व ग्रामीणो के बीच सहमति बनने के बाद हड़ताल खत्म हुआ। प्रशासन द्वारा जनसुनवाई को निरस्त करने का पत्र लिखित में सौंपने के बाद आंदोलन को समाप्त किया गया। ग्रामीणों का कहना था कि इस जनसुनवाई में सिर्फ 7 पंचायतों को ही बुलाया गया था, जबकि लाल पानी से प्रभावित करीब 58 गांव हंै, उन्हें भी बुलाया जाना चाहिए। साथ ही प्रभावित गांवों में विकास कार्य नहीं किया जा रहा है।

करोड़ों रूपये रॉयल्टी व डीएमएफ मेंं दिये जा रहे- एनएमडीसी
एनएमडीसी का कहना है कि करोड़ों रूपये रॉयल्टी, डीएमएफ, एनएमईटी के तहत जिला प्रशासन व राज्य सरकार को दिया जा रहा है। साथ ही सीएसआर के तहत भी करोड़ों के विकास कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में किये जा रहे हंै। 

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