दन्तेवाड़ा
एनएमडीसी में लौह उत्पादन ठप्प, सीआईएसएफ चेकपोस्ट में की नारेबाजी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बचेली, 5 जनवरी। बस्तर संभाग में सर्व आदिवासी समाज द्वारा अपने छह सूत्रीय मांगों को लेकर बुलाये गये बंद के आव्हान पर दंतेवाड़ा जिला के लौह नगरी बचेली में भी इस बंद का व्यापक असर देखने को मिला। आज सुबह से बचेली नगर में दुकाने बंद रही। साथ ही आदिवासी युवाओं ने बंद को सफल बनाने में बाईक रैली निकाली गई।
समाज के बचेली इकाई के अध्यक्ष एमआर बारसा ने बताया कि मंागों में पेसा कानून 2022 के नियमों में संसोधन, अनुसूचित क्षेत्र में 100 प्रतिशत स्थानीय भर्ती, नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण का विरोध, बस्तर संभाग के दूरस्थ गांव बुरजी में आदिवासियों पर पुलिस के द्वारा प्रताडऩा व अत्याचार के विरोध में, 1 जनवरी 1932 के मिसल रिकार्ड/खतियान रिकार्ड के आधार पर छग राज्य में स्थाई निवास कानून बनाना, सामुदायिक वन अधिकार दावो पर कड़ाई से पालन। इन मंागों को लेकर बंद रखा गया था। नगर में अस्पताल, मेडिकल स्टोर्स, पेटेल पंप, स्कूले को छोडक़र सभी छोटी बड़ी दुकाने, होटल, पान दुकान, सब्जी बाजार सभी बंद रहे।
एनएमडीसी बचेली व किंरदुल परियोजना में लौह अयस्क का उत्पादन भी बंद रहा। सीआईएसएफ चेकपोस्ट के पास सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया गया। अपनी मंागो को लेकर पदाधिकारी व सदस्य लगातार नारेबाजी करते रहे। सीआईएसएफ व पुलिस जवान तैनात रहे। गुरूवार को प्रथम पाली एवं द्वितीय पाली में शाम तक उत्पादन पूूरी से बंद रहा, कर्मचारियो व अधिकारी अपने कार्यस्थल पर नही जा पाये। बचेली में एनएमडीसी के अधिकारियो व कर्मचारियेा को कार्यस्थल पर जाने नही दिये जाने पर सभी ने गेस्ट हाउस में अपनी हाजिरी लगाई।
इधर सुरक्षा के तगड़े इंतजाम थे। सीआईएसएफ चेकपोस्ट, मुख्य मार्ग एनएमडीसी प्रवेश द्वार सहित चैक चैराहे पर पुलिस जवान तैनात रहे। सुरक्षा के पुख्ते इंतजाम किये ये थे।
इस बंद के दौरान सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष धीरज राणा, अशोक नाग, एमआर बारसा, कमले राउड़, प्रदीप बघेल, लक्ष्मण गावड़े, जेएस नेताम, संतेाष ठाकुर, संजय कर्मा, संजय शोरी एवं समाज के अन्य सदस्य मौजूद रहे।