महासमुन्द
![सैकड़ों एकड़ फसल में नैक ब्लास्ट, खड़े-खड़े ही सूख गईं धान की पकी बालियां सैकड़ों एकड़ फसल में नैक ब्लास्ट, खड़े-खड़े ही सूख गईं धान की पकी बालियां](https://dailychhattisgarh.com/uploads/chhattisgarh_article/1681810423hoto_12-1.jpg)
अफसरों ने धान का सैंपल लेने के साथ पंचनामा तैयार किया
किसानों को मुआवजा दिलाने का भरोसा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,18 अप्रैल। बागबाहरा ब्लॉक के कई गांवों में धान की फसल में नैक ब्लास्ट यानि गर्दन तोड़ बीमारी का प्रकोप देखा जा रहा है। इस बीमारी ने सैकड़ों एकड़ में बोए गए धान की फसल को तबाह कर दिया है।
खबर मिलते ही जिला प्रशासन ने तत्काल संज्ञान लेते हुए जांच के लिए संयुक्त टीम गठित कर खेतों की ओर भेजा। वहां पहुंचे अफसरों ने धान फसल का निरीक्षण किया। अफसरों ने देखा और पाया कि धान काटने की स्थिति में बदरा में तब्दील हो गई है।
गौरतलब है कि जिले के बागबाहरा विकासखंड के पटपरपाली पंचायत में करीब 150 किसानों ने रबी फसल में धान की खेती की है। इस वक्त धान की बालियां पककर तैयार ही हो रही थीं कि तकरीबन सभी खेतों में नैक ब्लास्ट यानि गर्दन तोड़ बीमारी फैल गई। धान की बाली खड़े खड़े ही सूख गईं। स्थिति है कि धान काटने के बाद खर्च निकाल पाना मुश्किल है।
कृषि विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम सोमवार को यहां पहुंची थी। जिसमें नायब तहसीलदार कमलेश कुमार, वरिष्ठ कृषि अधिकारी एच एल नेताम, एडीओ पीके दास, आरईओ कृष्णा साहू, लोभान सिंह, पटवारी तोपसिंग ध्रुव के अलावा भारी संख्या में ग्रामीण खेतों में मौजूद थे। कृषि विभाग के अफसर ने पुष्टि की कि यह बीमारी नैक ब्लास्ट यानि गर्दन तोड़ बीमारी है, जो धान पकने के बाद धान के दानों को बालियों समेत बदरा में बदल देती है।
अफसरों ने निरीक्षण में पाया कि बहुत ही मात्रा में यहां धान की फसल नैक ब्लास्ट यानि गर्दन तोड़ बीमारी की चपेट में है। अत: किसानों के नाम समेत धान फसल रकबा की जानकारी ली जा रही है। साथ ही अफसरों ने धान का सैंपल लेने के साथ पंचनामा भी तैयार किया है। किसानों को अफसरों ने 6 बी के अंतर्गत मुआवजा दिलाने का भरोसा दिया है।