राजनांदगांव
बढ़ते संक्रमण से घर और स्कूल में कंजेक्टेवाईटिस के मामले में तेजी से बढ़ोत्तरी
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 26 जुलाई। मौसम में नमी से कम उम्र के बच्चों की आंख आई फ्लू के चलते संक्रमित हो रही है। बढ़ते संक्रमण से कंजेक्टेवाईटिस के मामले में तेजी से इजाफा हो रहा है। आई फ्लू से पीडि़त बच्चों की आंख की रौशनी पर संक्रमित बीमारी के मार का प्रतिकूल असर पड़ रहा है। नेत्र की इस बीमारी से घर और स्कूलों में कंजेक्टेवाईटिस की संख्या में रोजाना बढ़ोत्तरी हो रही है। मौसम में नमी के चलते आई फ्लू का वायरस तेजी से फैलता जा रहा है। स्कूलों में खासतौर पर मासूम बच्चों की आंख संक्रमित हो रही है। स्कूलों में भीड़ होने के चलते इस मौसमी बीमारी ने आंखों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है।
कंजेक्टेवाईटिस एक तरह से संक्रमित बीमारी है। इससे पीडि़त मरीज की आंख हमेशा लाल रहती है। वहीं आंखों में जलन, खुजली तथा सूजन से मरीज को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कंजेक्टेवाईटिस के बढ़ते रोगी निजी और सरकारी नेत्र चिकित्सकों के पास उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। आई फ्लू पीडि़त बच्चों के परिजन भी मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं। वहीं एक सदस्य को इस बीमारी के ग्रसित होने से घर में संक्रमण फैलने की चिंता भी लोगों को सता रही है। आपस में खेलने वाले बच्चों को घर से बाहर जाने से रोका जा रहा है। स्थानीय सरकारी-गैर सरकारी स्कूलों में कंजेक्टेवाईटिस पीडि़तों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। स्वास्थ्य महकमे की ओर से अब तक इस बीमारी के निदान के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। बताया जा रहा है कि तय समय पर उचित उपचार नहीं होने से आंखों की सेहत पर विपरीत असर पडऩे की संभावना बढ़ जाती है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में कंजेक्टेवाईटिस तेजी से पैर पसार रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक आई फ्लू एडिनोवायरस है, जो एक वायरल डिजिज है। स्वास्थ्य विभाग के पास इसके लिए आई ड्रॉप है, जिसे डालने से दो से तीन दिनों में ठीक हो जाता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। आंख लाल रहना, आंखों में सूजन, पानी आना व कान के पास दर्द रहना, इनके प्रमुख लक्षण है। कभी हल्का बुखार भी आ सकता है।
इन बातों पर रखें विशेष ध्यान
शहर के प्रख्यात नेत्र चिकित्सक डॉ. विजय उईके ने 'छत्तीसगढ़Ó से कहा कि संक्रमण से फैलने वाले इस बीमारी की रोकथाम के लिए सावधानी बेहद जरूरी है। इसके लिए आंखों को कम से कम छूना, मोबाईल और टीवी नहीं देखना, बाहर से आने के बाद साबुन से ठीक से हाथ धोना, बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना, आंखों को बार-बार न छुएं, नाक और मुंह को छूने से बचे, अपने आसपास सफाई रखें, भीड़ वाली जगहों से बचे, आंखों पर समय-समय पर ताजा पानी का छींटा मारे, काला चश्मा पहनकर बाहर जाएं, संक्रमित व्यक्ति के बेड, तौलिया या कपड़े इस्तेमाल न करें, संक्रमण ठीक होने तक टीवी-मोबाइल से दूरी बनाएं रखें।