मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर

नायब तहसीलदार से मारपीट
09-Jul-2024 8:38 PM
नायब तहसीलदार से मारपीट

 कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ सामूहिक अवकाश पर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

मनेन्द्रगढ़, 9 जुलाई। महासमुंद जिले के झलप तहसील में नायब तहसीलदार युवराज साहू के साथ हुई मारपीट की घटना से क्षुब्ध राज्य के सभी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के तत्वावधान में 3 दिवस के सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं।

संघ का कहना है कि तहसीलदारों को सुरक्षा न मिलने एवं अन्य घोषित मांगों में कोई कार्रवाई न होने से क्षुब्ध हैं। मांगों को लेकर तहसीलदार व नायब तहसीलदार मंगलवार से 3 दिवस के सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं एवं मांगें पूरी न होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए बाध्य होंगे।

ज्ञात हो कि पूर्व में ही तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों ने सरकार से न्यायालय में सुरक्षा संबंधी मांग की थी एवं पूर्व सरकार के द्वारा न्यायालय में सुरक्षा हेतु पत्र समस्त कलेक्टर को भी जारी किए गए थे, लेकिन आज तक उसका कोई असर नहीं दिखा है जिसके कारण आज भी न्यायालय में तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों के ऊपर असामाजिक तत्वों के द्वारा हमले, मारपीट एवं गाली गलौज आदि की खबरें लगातार आती रही हैं। ऐसी स्थिति में नायब तहसीलदार, तहसीलदारों का न्यायालय में बैठकर काम करना मुश्किल हो गया है। पिछली सरकार में मुख्यमंत्री के द्वारा नायब तहसीलदारों को राजपत्रित घोषित किया गया था, लेकिन आज तक इस संबंध में कोई भी पत्र सर्कुलर जारी नहीं किया गया है।

इसी प्रकार तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर प्रमोशन में 50-50 का अनुपात लागू करने की घोषणा की गई थी वह भी अभी तक अमल में नहीं लाया गया है। एएसएलआर एसएलआर को पर्याप्त संख्या में नायब तहसीलदार एवं तहसीलदार होने के बावजूद तहसीलदार का प्रभार दिया जाता है जिसके लिए भी संघ ने विरोध जाहिर किया था, लेकिन आज तक किसी भी मांग को पूरा नहीं किया गया है न ही घोषित एवं निर्देशित मांगों को अमल में लाया गया है।

नायब तहसीलदार एवं तहसीलदार प्रशासन के महत्वपूर्ण अंग हैं। जमीन विवादों का निपटारा हो या तहसील जिले में कानून व्यवस्था को लागू करना यह सब काम नायब तहसीलदार तथा तहसीलदारों के द्वारा ही किया जाता है। प्रोटोकॉल से लेकर आवश्यक व्यवस्थाओं एवं जनता तथा प्रशासन के बीच समन्वय का कार्य भी तहसीलदार के द्वारा ही किया जाता है। विभिन्न विभागों के कार्यालय का निरीक्षण तथा कलेक्टर के प्रतिनिधि के रूप में विभिन्न विभागों के योजनाओं के जांच एवं निरीक्षण भी तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों के माध्यम से किया जाता है, लेकिन वेतन विसंगति होने के कारण बहुत से विभाग अब उनकी बातों को अनसुना कर रहे हैं, क्योंकि कई विभागों में विभाग के कार्यालय प्रमुख का वेतन नायब तहसीलदार व तहसीलदारों के वेतन से अधिक है ऐसे में नायब तहसीलदारों व तहसीलदारों को दूसरे विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करने में कठिनाई उत्पन्न होती है।

इन्हीं सब मांगों को लेकर तहसीलदार व नायब तहसीलदार मंगलवार से 3 दिवस के सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं एवं मांगें पूरी न होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल करने के लिए बाध्य होंगे।

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