मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 27 जुलाई। निर्माणाधीन रेलवे ब्रिज के पास निर्मित पानी की टंकी में गिरकर एक मासूम की मौत हो गई। आशंका जताई जा रही है कि खेलने के दौरान मासूम हादसे का शिकार हुआ होगा। वहीं इस मामले में ब्रिज का काम कर रहे ठेकेदार की लापरवाही भी सामने आई है।
मनेन्द्रगढ़ थानांतर्गत मौहारपारा वार्ड क्र. 6 निवासी 8 वर्षीय शुभम पिता स्व. प्रेम सिंह अपनी मां दुर्गावती के साथ अपने मौसा बृजेश कुमार कोरी के घर पर रह रहा था। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान था और नगर के सरस्वती विकास विद्यालय में कक्षा दूसरी में पढ़ाई कर रहा था।
शुक्रवार को किसी कारणवश वह स्कूल नहीं गया था। दोपहर 1 बजे पड़ोस के अन्य तीन छोटे बच्चों के साथ वह खेलने के लिए घर से निकला था। काफी समय तक जब वह घर नहीं लौटा तो मां उसे खोजने के लिए निकली। घर से कुछ दूरी पर स्थित काली बाड़ी के पास रेलवे ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है। इसके लिए ठेकेदार के द्वारा पानी स्टोर करने के लिए ग्राउंड लेबल पर 12 फीट गहरी खुली पानी की टंकी का निर्माण किया गया है।
दोपहर बाद करीब 3 बजे अपने मासूम बेटे को खोज रही मां की निगाह टंकी के पास पड़े उसके चप्पल की ओर गई तो अनहोनी की आशंका पर उसने अपने जीजा बृजेश को मोबाइल से सूचना दी। सूचना मिलते ही वे तत्काल मौके पर पहुंचे और टंकी में उतरकर उसकी तलाश की तो मासूम डूबा हुआ मिला। आनन-फानन में उसे निकालकर सीएचसी मनेंद्रगढ़ लाया गया, जहां बीएमओ डॉ. एसएस सिंह के द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया।
मनेन्द्रगढ़ में काली बाड़ी के पास झांझडिय़ा निर्माण लिमिटेड कंपनी के द्वारा रेलवे ब्रिज का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। पानी स्टोर करने के लिए विशालकाय टंकी भी ग्राउंड लेबल पर बनाई गई है, जिसमें मासूम का शव पाया गया है। वहां काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि टंकी को हमेशा ढक कर रखा जाता है। शुक्रवार को ढलाई का काम होना था, इसके लिए टंकी में पानी भरने टैंकर मंगाया गया था। टैंकर पानी टंकी के पास आकर खड़ा था। इस कारण दूसरी ओर बच्चे कब टंकी के पास पहुंच गए, यह किसी को दिखाई नहीं पड़ा।
ठेकेदार की लापरवाही उजागर
मासूम के पिता का पहले ही निधन हो चुका है, वहीं अब उसकी असमय मौत से मां पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। वहीं इस हादसे के लिए लोगों ने संबंधित ठेकेदार को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि जब इतना बड़ा काम चल रहा है तो जमीन पर खुली पानी की टंकी बनाते समय ठेकेदार को इसके चारों ओर पैराफिट का निर्माण कराए जाने के साथ सुरक्षा घेरा भी बनाया जाना जरूरी था, लेकिन न तो उसने इस ओर ध्यान दिया और न ही रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों ने, जिसकी वजह से मासूम की जान चली गई।