राजनांदगांव
कलेक्टर ने दिए आवश्यक निर्देश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 5 फरवरी। छोटे बच्चों, अधिक उम्र के बुजुर्ग व्यक्तियों, गर्भवती माताओं एवं दवाईयों का सेवन करने वाले व्यक्तियों को स्वीमिंग पुल एवं वाटर पार्क स्थल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। कलेक्टर टीके वर्मा ने जिले में संचालित स्वीमिंग पुल एवं वाटर पार्क को संचालित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
आदेश में कहा है कि स्वीमिंग पुल एवं वाटर पार्क स्थल की क्षमता का 50 प्रतिशत ही सम्मिलित होगा। स्वीमिंग पुल एवं वाटर पार्क स्थल में प्रवेश द्वार एवं निकासी द्वार पृथक-पृथक हो यह सुनिश्चित किया जाए तथा प्रवेश व निकासी द्वार टच फ्री मोड में हो। श्वसन शिष्टाचार का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। स्वीमिंग पुल एवं वाटर पार्क स्थल में उपस्थित व्यक्ति खांसते, छींकते समय टिशु पेपर, रूमाल या मुढ़ी हुई कोहनी का अनिवार्यत: उपयोग करें। स्वीमिंग पुल एवं वाटर पार्क के संचालक यह सुनिश्चित करें कि उपयोग में लाए गए सामग्री का ठीक से निपटारा किया जाए। स्वीमिंग पुल एवं वाटर पार्क स्थल पर संचालक एवं व्यक्तियों द्वारा साबुन, तौलिया आदि का आदान-प्रदान नहीं किया जाए। स्वयं का साबुन, तौलिया आदि का उपयोग किया जाए। स्वीमिंग पुल एवं वाटर पार्क स्थल में रखे पीने का पानी स्थल, हाथ धोने का स्थल, वॉश रूम, कुर्सी टेबल, बेंच 70 प्रतिशत एल्कोहल बेस्ड सेनेटाईजर से साफ करना होगा। स्वीमिंग पुल एवं वाटर पार्क स्थल में सीसीटीवी कैमरे लगाया जाए, ताकि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। स्वीमिंग पुल एवं वाटर पार्क में उपयोग में लाए जाने वाले पानी को समय-समय पर फिल्टेरेशन अथवा क्लोरोनाईजेशन करना होगा।
इसके साथ ही कोविड-19 के संबंध में भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए आदेशों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। किसी भी शर्त का उल्लंघन अथवा किसी प्रकार की अव्यवस्था होने पर इसकी समस्त जिम्मेदारी स्वीमिंग पुल एवं वाटर पार्क स्थल के संचालक की होगी तथा उसके विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। आदेश तत्काल प्रभावशील होगा तथा आदेश के उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 सहपठित एपीडेमिक डिसीज एक्ट 1987 यथा संशोधित 2020 एवं भारतीय दंड संहित 1860 की धाराओं के अंतर्गत विधि अनुकूल कार्रवाई की जाएगी।