राजनांदगांव
आलोक-भावेश और मोनू के बीच मुकाबला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 6 फरवरी। भाजपा की युवा विंग भाजयुमो के नए जिलाध्यक्ष को लेकर फैसला आज-कल में हो सकता है। जिले में लंबे समय से भाजयुमो नए अध्यक्ष की ताजपोशी को लेकर संगठन में चर्चाओं का दौर लगभग खत्म हो गया है। बताया जा रहा है कि प्रदेश संगठन ने नए अध्यक्ष के साथ नई कार्यकारिणी की सूची तैयार कर ली है। जिले में नए भाजयुमो अध्यक्ष के लिए संगठन स्तर पर शीर्ष नेताओं से आपसी सलाह ली गई है। राजनांदगांव जिले के वरिष्ठ नेता अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाए जाने के लिए जोर लगा रहे थे।
बताया जा रहा है कि अगले सप्ताह किसी भी दिन नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो सकती है। प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू विगत माह जिले के प्रवास पर पहुंचे थे। उन्होंने भाजयुमो अध्यक्ष के दावेदारों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात भी की थी। बताया जा रहा है कि अध्यक्ष के लिए आलोक श्रोती, भावेश बैद और मोनू बहादुर के नाम की चर्चा चल रही है। तीनों में से किसी एक को ही अध्यक्ष बनाए जाने के आसार हैं। बताया जा रहा है कि आलोक श्रोती लंबे समय से भाजयुमो के अलग-अलग पदों में कार्य कर चुके हैं। शहर अध्यक्ष के साथ-साथ वह मौजूदा कार्यकारिणी में जिला महामंत्री भी हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि उन्होंने शहर अध्यक्ष के रूप में अभुतपूर्व कार्य किया था। युवाओं को उन्होंने भाजयुमो के जरिये भाजपा से जोडऩे में कड़ा परिश्रम किया। यही कारण है कि उनकी बनाई युवाओं की टीम आज भी पूरी तरह से सक्रिय है।
भाजयुमो अध्यक्ष के लिए भावेश बैद भी एक बेहतर और काबिल अध्यक्ष हो सकते हैं। उनकी युवाओं के बीच अच्छी पकड़ है। सियासी रूप से वह पूर्व मंत्री राजेश मूणत के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। साथ ही उनके पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह के साथ भी नजदीकियां है। बताया जा रहा है कि बैद को इसका फायदा हो सकता है। उधर मोनू बहादुर भी हाल ही के वर्षों में युवा चेहरे के रूप में पहचान बना चुके हैं। हालांकि अध्यक्ष के लिए दावा करने पर मोनू बहादुर के खिलाफ अघोषित रूप से विरोध भी किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि 2013 के विकास यात्रा में कथित रूप से पत्थरबाजी किए जाने के मामले में उनके विरोधियों ने आला नेताओं को शिकायत की है।
बताया जा रहा है कि युवाओं के बीच मजबूत पकड़ होने के कारण एक वर्ग उनके खिलाफ एकजुट हो गया है। ऐसे में मोनू बहादुर को अध्यक्ष पद हथियाने में काफी मेहनत करनी पड़ सकती है। बताया जा रहा है कि संगठन ऐसे युवाओं को आगे लाने के पक्ष में है, जिनमें सांगठनिक सूझबूझ हो। एक वर्ग विशेष के प्रभाव के बजाय सामुहिक रूप से संगठन को मजबूत करने की काबिलियत पर भी पार्टी नेता ज्यादा जोर दे रहे हैं। कुल मिलाकर अगले एक-दो दिन में या फिर अगले सप्ताह किसी भी नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के अलावा अन्य नेताओं से भी नांदगांव के नए भाजयुमो अध्यक्ष को लेकर चर्चा हो चुकी है।