महासमुन्द

माता खल्लारी दर्शन के लिए आने वाले श्रद्घालुओं को रोप-वे की सुविधा शीघ्र
09-Mar-2021 4:51 PM
माता खल्लारी दर्शन के लिए आने वाले श्रद्घालुओं को रोप-वे की सुविधा शीघ्र

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 9 मार्च।
भीमखोज खल्लारी पहाड़ी पर विराजित माता खल्लारी दर्शन के लिए श्रद्घालुओं को रोप-वे की सुविधा शीघ्र ही मिलने वाली है। आज 9 मार्च को इस काम की शुरुआत के लिए आधारशिला रखी जा रही है। संसदीय सचिव व खल्लारी विधायक द्वारिकाधीश यादव व मंदिर ट्रस्ट भूमि पूजन करेंगे। यह जिले का पहला रोप वे होगा। 

खल्लारी मंदिर समिति के ट्रस्टी की मानें तो श्रद्घालुओं भीड़ को देखते हुए यहां लगातार रोप-वे निर्माण की मांग हो रही थी। उनकी मांग पर ही कोलकाता की कंपनी रोपवे एवं रिसॉर्ट प्राइवेट लिमिटेड यहां रोप-वे का निर्माण करने वाली है। इसका खर्च भी मंदिर ट्रस्ट व कंपनी वहन करेगी। कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी दो माह पूर्व सडक़ से पहाड़ी तक किस दिशा से रोप.वे का संचालन करना है, का निरीक्षण कर चुके हैं। तकनीकी स्वीकृति मिलने के बाद कंपनी के द्वारा निर्माण कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा। गौरतलब है कि खल्लारी पहाड़ी के बारे में ऐसा माना जाता है कि महाभारत युग में पांडव इस पहाड़ी पर आये थे,जिसका प्रमाण भीम के विशाल पदचिन्ह हैं जो इस पहाड़ी पर स्पष्ट दिखते हैं।

मंदिर कमेटी का कहना है कि बनने वाले 300 मीटर लंबे रोप-वे में कुल चार ट्रॉली होंगी। हर ट्रॉली में चार लोग बैठ सकेंगे। ये प्रदेश का दूसरा मंदिर होगा, जहां रोपवे लगाया जा रहा है। इससे पहले डोंगरगढ़ में 650 मीटर लंबा रोपवे है। कंपनी ने दो माह पूर्व ही खल्लारी पहाड़ी का सर्वे कर लिया है। रोप-वे गांव के ढेकानाल तालाब से भंडार स्थल तक बनेगा। पहाड़ी की ऊंचाई 130 मीटर है। रोप-वे का पहला छोर गांव के तालाब के पास होगा। अभी 981 सीढ़ी चढक़र मंदिर तक पहुंचते हैं। रोप-वे से एक घंटे में 200 लोग दर्शन कर सकेंगे।

लोगों का मानना है कि मां खल्लारी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को नवरात्र में रोप वे की सवारी का भी मजा उठाने का अवसर मिलेगा। रोपवे का निर्माण होने के बाद टूरिस्टों की संख्या में वृद्धि होगी। लोगों को पहाडिय़ों का दृश्य देखने को मिलेगा। इसके साथ ही बहुत से लोगों को रोजगार का भी अवसर प्राप्त होगा। बता दें कि खल्लारी दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में भक्त आते हैं। दर्शकों को पहाड़ी पर मां खल्लारी के दर्शन के लिए 981 सीढ़ी चढऩा पड़ता है। इस रोप-वे के निर्माण के बाद श्रद्घालुओं को केवल 50 सीढ़ी ही चढऩा होगा।
 

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