महासमुन्द
![8 सौ से अधिक गांव अब भी हैंडपंप के भरोसे 8 सौ से अधिक गांव अब भी हैंडपंप के भरोसे](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1615376309.jpg)
तीन साल में भी पाइपलाइन का विस्तारीकरण पूरा नहीं
जल जीवन मिशन के तहत पाइपलाइन व घर तक कनेक्शन देने का काम टेंडर में अनियमितता के कारण रद्द था
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 10 मार्च। जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीणों के घर-घर नल कनेक्शन देने का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया। योजना का लाभ ग्रामीणों को 2023 तक देना था, लेकिन टेंडर में अनियमितता पाए जाने के बाद प्रदेश सरकार ने रद्द कर दिया था।
महासमुन्द जिले में 1122 गांव है, जहां ग्रामीणों को पेयजल हैंडपंप व पावर पंप से पानी की सप्लाई की जा रही है। इन सभी गांवों में तीन से चार पंप व हैंडपंप हैं। जिले के 259 गांव ऐसे हैं जहां 80 प्रतिशत तक पाइपलाइन की सुविधा मोहल्लों व घरों में दी गई है। इन ग्रामीणों को पेयजल की समस्या से काफी राहत है, लेकिन 863 गांव ऐसे हैं, जहां के ग्रामीणों को पानी लाने के लिए हैंडपंप व पंप के पास जाना पड़ता है। इन गांवों में अभी तक पाइपलाइन का विस्तारीकरण नहीं हुआ है। हालांकि पंप व हैंडपंप हैं, लेकिन पानी के लिए यहां तक ग्रामीण महिलाओं को प्रतिदिन आना पड़ता है। इन्हीं गांवों को जल जीवन मिशन के तहत पाइपलाइन व घर तक कनेक्शन देने का काम पिछले तीन सालों से चल रहा है। लेकिन अभी तक ग्रामीणों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।
विभागीय अधिकारियों के मुताबिकटेंडर निरस्त होने के बाद प्रदेश सरकार ने इस योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी जिला स्तर पर करने के आदेश दिए हैं। अब जिला स्तर पर ग्रामीणों को लाभ देने योजना पर काम किया जा रहा है। एक बैठक लेकर 43 कार्यों की निविदा जारी करने का अनुमोदन भी जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक में हो गया है। वर्कआर्डर मिलने के बाद ठेकेदार जल्द ही इन गांवों में नल जल योजना के तहत पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू करेंगे।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के उप अभियंता खिलेश्वर साहू कहते हैं कि जल जीवन मिशन योजना के तहत पूर्व में हुई बैठक में 70 गांवों को रेट्रोफिटिंग योजना की सौगात मिली है। इसके लिए 52.61 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। इसके तहत 21 हजार 931 घरेलू नल कनेक्शन दिया जाएगा। वहीं 43 रेट्रोफिटिंग की नलजल योजना की निविदा कार्रवाई का भी अनुमोदन किया गया है। इसके तहत 7223 घरेलू कनेक्शन दिए जाएंगे।
मालूम हो कि जिले में 11 हजार 893 जलस्त्रोत है। जल जीवन मिशन में इन्हीं जल स्रोतों से ग्रामीण के घर तक पानी पहुंचाने की योजना है। जिले के कुल 11 हजार 893 जल स्रोतों को छोडक़र विभाग को नए जल स्त्रोत भी खोजना था, ताकि इस नए स्त्रोत से भी ग्रामीणों को पानी पहुंचाया जा सके। वर्तमान में पीएचई विभाग ने हैडपंपों की मरम्मत शुरु कर दी है। जिन गांवों में हैंडपंप व पंप बंद हैं, वहां सुधार कार्य किया जा रहा है।
जिले के पीएचई विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जल जीवन मिशन योजना के तहत जहां बोर खनन की आवश्यकता है, वहां बोर खनन होगा । जहां पानी टंकी की आवश्यकता है, वहां पानी टंकी का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा बस्तियों से दूर रहने वालों के लिए पानी की व्यवस्था इन स्रोतों से नहीं हो पाएगी वहां सोलर पंप के माध्यम से पानी देने का प्रावधान है।
जल जीवन मिशन के तहत 1122 गांवों को इस योजना का लाभ देना है। लेकिन 259 गांव ऐसे हंै जहां 80 प्रतिशत पाइपलाइन बिछ गई है और घरों तक कनेक्शन दिया जा चुका है। 20 प्रतिशत ऐसे घर या मोहल्ले हैं, जहां न तो पाइपलाइन बिछा है और न ही कनेक्शन है। ऐसे गांवों को भी इस योजना में चिन्हित कर लिया गया है।