महासमुन्द
![यात्री नहीं मिल रहे, बस संचालकों ने जमा किए परमिट यात्री नहीं मिल रहे, बस संचालकों ने जमा किए परमिट](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1615548291G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 12 मार्च। बसों में यात्री नहीं मिलने और आर्थिक बचत करने के लिए मुख्यालय में सर्वाधिक बस संचालकों ने अपना परमिट संरेडर कर दिया है। इससे बस संचालक तो आर्थिक नुकसान से बच गए हैं लेकिन शासन को इन बसों से प्रतिमाह होने वाली लाखों रुपये के राजस्व की हानि हो गई। मुख्यालय में ऐसी सौ से अधिक गाडियां है जिनके संचालकों ने परिवहन विभाग में अपने बसों का परमिट नान यूज बताकर जमा कर दिया है।
परमिट संरेडर होने वाले वाहनों में सर्वाधिक बसें रायपुर रुट की है। जिसमें करीब 25 बसें है। जिनके संचालकों ने परमिट संरेडर किया है। शेष राजिम, पिथौरा, बसना, सरायपाली, सिरपुर, खम्हरिया, राजिम और बागबाहरा मार्ग की है। लाकडाउन के बाद से जिले में बसों का संचालन बंद हो गया है। हालांकि दो माह पूर्व सरकार की ओर से दी गई राहत के बाद बसों का परिचालन फिर से प्रारंभ तो हो गया है लेकिन मुख्यालय में अभी अधिकांश बसें हैं जो यात्रियों के अभाव में स्टैंड में ही खड़ी है। जिससे संचालकों से ज्यादा नुकसान सरकार को हो रहा है।
परिवहन विभाग के अफसरों की मानें तो प्रतिमाह उन्हें करीब छह लाख रुपये घाटा हो रहा है। संचालकों ने संरेडर करने की वजह परिवहन विभाग को यात्री नहीं मिलना बताते हुए नान यूज बताकर परमिट जमा किया है। इस दौरान संचालकों को प्रतिमाह बसों में लगने वाला टेक्स जमा करने की छूट मिल गई है। जिससे संचालकों को करीब 10 से 20 हजार रुपये की बचत हो रही है। हालांकि जिनके पास अधिक बसें है उनकी और अधिक आर्थिक बचत हो रही है।