महासमुन्द
![रात में आंधी-तूफान के साथ बारिश, सुबह से चल रही तेज ठंडी हवा रात में आंधी-तूफान के साथ बारिश, सुबह से चल रही तेज ठंडी हवा](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1615631445G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 13 मार्च। द्रोणिका का असर पडऩे से रात में आंधी तूफान के साथ पानी गिरा और आज सुबह से भी तेज ठंडी हवा बह रही है। शुक्रवार को भी दिन भर बादल छाए रहे और शाम होते ही अंधड़ चली। मौसम में बदलाव होने से तापमान में भी गिरावट आ गई है। मौसम के बदलाव से सरसों, अलसी व सब्जी बोने वाले किसानों की चिंता बढ़ गई है। महासमुन्द जिले में 5 हजार हेक्टेयर में सब्जी व अन्य फसल किसानों ने लिया है।
मौसम विभाग के अधिकारियों की मानें तो 13 मार्च तक मौसम इसी तरह बना रहेगा। इन दिनों एक.दो स्थानों पर बारिश व ओले गिरने की संभावना जताई जा रही है। बता दें कि बारिश से सबसे ज्यादा परेशानी अलसी व सरसों की कटाई करने वाले किसानों को हो सकती है। वर्तमान में सरसो व असली की फसल पककर तैयार हो गई है। कई जगहों में कटाई चल रही है।
वहीं कई जगहों में कटाई पूरी हो गई है। कृषि विज्ञान केंद्र के संचालक एसके वर्मा ने बताया कि मौसम में बदलाव आया है। बारिश की संभावना है, इसलिए असली व सरसों व अलसी की कटाई करने वाले किसानों को अभी कटाई रोक देनी चाहिए, नहीं तो नुकसान हो सकता है। सब्जी की फसल लेने वाले किसानों को भी नुकसान होगा।
मौसम विभाग के एसपी चंद्रा के अनुसार मध्य महाराष्ट्र के उत्तरी भाग में एक चक्रीय चक्रवाती घेरा 0.9 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है। जिले के 138 धान केंद्रों में 25 लाख क्विंटल धान खुले में पड़ा हुआ है। प्रशासनिक व्यवस्था की लापरवाही से खुले में पड़े धान का उठाव नहीं हो पा रहा है।
मौसम में बदलाव व बारिश की संभवना जताई जा रही है, इसके बावजूद अफसर उठाव को ध्यान नहीं दे रहे हैं। वर्तमान में मौसम बदल गया है। यदि बारिश हुई तो समितियों में रखा धान भीग जाएगा। हालांकि समितियों के कर्मचारियों ने धान को बचाने के लिए पॉलिथिन को ढक़ दिया गया है, लेकिन तेज हवा के कारण ये पॉलिथिन भी उड़ रहा है।