महासमुन्द

कमार आदिवासी विद्यार्थियों ने क्रिकेट मैच का आनंद उठाया
14-Mar-2021 6:01 PM
कमार आदिवासी विद्यार्थियों ने क्रिकेट मैच का आनंद उठाया

बोले-युवराज के लगाए  छक्के और सचिन  के चौके जीवन भर याद रहेंगे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद 14 मार्च। विशेष पिछड़ी आदिवासी जनजाति  कमार के  कक्षा 20 वी और 12 वी के 27  विद्यार्थियों ने शनिवार को नवा रायपुर स्थित शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम पहुंचें और रोड सेफ्टी क्रिकेट वल्र्ड सीरीज 2021 के अन्तर्गत इंडिया लीजेंड और साउथ अफ्रीका लीजेंड के बीच हुए मैच का आनंद लिया।  युवी की बल्लेबाज़ी देख रोमांचित हुए। खुश होकर बोलें युवराज के लगाए  छक्कों और सचिन  के चौक़े जीवन भर याद रहेंगे।

 छात्र-छात्राओं ने इस यादगार पल के लिए कलेक्टर और सीईओ जि़ला पंचायत का आभार व्यक्त किया। देर रात सभी  छात्र सुरक्षित घर पहुँच गए ।  कलेक्टर डोमन सिंह ने ख़ास तौर पर क्रिकेट मैच के टिकट के साथ आने-जाने और भोजन आदि की  व्यवस्था की। कलेक्टर डोमन सिंह और डॉ.मित्तल ने इन बच्चों को स्कूल के पाँच शिक्षकों के साथ बस द्वारा मैच देखने के ख़ास  इंतज़ाम किए थे।

   ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जो अपने अंदर कई तरह की विशिष्टताओं को समेटे हुए है। यहां की आदिवासी जनजातियां, उनकी सभ्यता और संस्कृति हमेशा से ही दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करती रही हैं। इन्हीं में से एक यह विशेष पिछड़ी कमार जनजाति। जनजाति को विशेष संरक्षित जनजाति का दर्जा प्राप्त है और इसके साथ ही इन्हें राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहा जाता है। कलेक्टर अन्य जाति के साथ  जाति के परिवारों पर विशेष ध्यान दे रहे है। महासमुंद जिले के महासमुंद एवं बागबाहरा विकासखण्ड में भी इनके कुछ परिवार निवासरत हैं। इस जनजाति को भारत सरकार द्वारा विशेष पिछड़ी जनजातिका दर्जा दिया गया है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. रवि मित्तल ने बताया कि महासमुंद जि़ले में इन कमार आदिवासी महिलाओं को बिहान समूह और पुरुषों को स्व रोजगार से जोडऩे और उन्हें अभिरुचि के अनुसार विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है । बच्चों की पढ़ाई लिखाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है ।

ज्ञात हो कि अभी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके कलेक्टर डोमन सिंह ने पिछड़ी जनजाति कमार जाति के एक वर्ष से 49  उम्र की बालिकाओं -महिलाओं की अच्छी सेहत की फि़क्र कर मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत उनके आहार में अण्डा देने की अभिनव पहल की है । इस अनूठी पहल में इस जाति के 3 वर्ष से लेकर 6 वर्ष के बच्चों को भी अण्डा मिल रहा है । आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं सप्ताह में तीन दिन  चिह्नांकित परिवारों की 1500 से ज़्यादा बालिकाओं और महिलाओं  के साथ 100 से ज़्यादा बच्चों उनके घर अण्डा पहुँचा रही है । ताकि कुपोषित बच्चों और एनिमिक पीडि़त महिलाओं की सेहत में जल्दी सुधार हो सके । इससे पहले कलेक्टर ने इन बच्चों को अपने सरकारी निवास पर आमंत्रित किया था। वनाधिकार पट्टा भी मुहैया कराया गया है।

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