महासमुन्द

सिरपुर की पूरी विरासत दुनिया की विरासतों से ज्यादा खास
15-Mar-2021 1:55 PM
सिरपुर की पूरी विरासत दुनिया की विरासतों से ज्यादा खास

  बौद्ध भिक्षुओं से ‘छत्तीसगढ़’ की बातचीत  

उत्तरी विदानी

महासमुंद, 15 मार्च (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। सिरपुर में कल शाम तीन दिनी समारोह में शामिल होने के बाद वापस लौटते हुए बौद्ध भिक्षुओं से ‘छत्तीसगढ़’ ने मुलाकात करते हुए बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सिरपुर छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश और दुनिया के लिए अहम स्थान रखता है। यह स्थान बीते कई पीढिय़ों की कहानियां कहता है और आने वाली कई पीढिय़ों के लिए अपने गर्भ में ढेर सारी संपदाएं संजोकर रखा हुआ है। हम हर साल आकर केवल बुद्ध के बारे में चिंतन नहीं करते, बल्कि मानव समाज और उनकी सभ्यता के बारे में चिंतन करते हैं, विश्लेषण करते हैं। हम मनुष्य समाज की शक्तियों को सही दिशा की ओर ले जाने संकल्पित हैं। जाने कहां और कब हमारा अंत हो, इससे पहले हम सारे विश्व को शांति का संदेश देने की कोशिश में हैं। हम बताना चाहते हैं कि धरोहर को संरक्षित कर खासकर युवा पीढ़ी को समाज को इससे जोड़ें, ताकि युवा अपने अपने देश की बागडोर चिरस्थाई ढंग से संभालें। हम राजनीति के विरोधी नहीं हैं बल्कि हम चाहते हैं कि राजनीति को समाज से जुड़े रहने की परम्परा का निर्वाह होना चाहिए। 

रविवार शाम साढ़े तीन बजे सिरपुर में बौद्ध भिक्षु थेरो पामन्द्र बौद्ध विहार आमला बरेली उत्तरप्रदेश, बुद्धिष्ट इंटरनेशल नेटवर्क भिक्षु संघ के प्रभारी भिक्षु अक्षय दीप उत्तरप्रदेश, भिक्षु धम्मेरत्न हरदोई उत्तरप्रदेश, भंते धम्मुचेति, चंद्रपुर महाराष्ट्र, भंते सेनुत्तर टोडोबा चद्रपुर महराष्ट्र, भिक्षु डॉ. संघदीप महाराष्ट्र, भंते महेन्द्र चंद्रपुर महाराष्ट्र, भंते प्रियदर्शी तपोवन बुद्ध विहार चंद्रपुर, भंते श्रीपल्ली गुजरात, भंते बोधिरत्न पन्ना मध्यप्रदेश से मुलाकात हुई। ये सभी अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन सिरपुर से लौटने की तैयारी में थे। इनसे ही पता चला कि चीन, जापान, कोरिया, नेपाल आदि 13 देशों से पहुंचे भिक्षु 14 मार्च की सुबह-सुबह लौट चुके हैं। 

सिरपुर के बारे में इनका कहना है कि यह भगवान बुद्ध, शिव और विष्णु का अद्भुत स्थान है। यहां की पूरी विरासत दुनिया की विरासतों से ज्यादा खास है। हम बुद्ध के बार में नई-नई जानकारियां एकत्र कर मानव समाज को समर्पित करते हैं। सिपुर में हमें अनेक जानकारियां हासिल हो सकती हैं। यदि यहां पर्याप्त खुदाई हो और खुदाई में मिले अवशेषों का संरक्षण सही ढंग से हो तो यह स्थान विश्व के आकर्षण का केन्द्र बन सकता है। दुनिया का कोई भी पुरातत्व विशेषज्ञ यहां मिले निशानियों को झुठला नहीं सकता। यह देश का ही नहीं बल्कि विश्व शांति का केन्द्र बन सकता है। यहां की मिट्टी के गर्भ में अकूत पुरातात्विक सम्पदा हैं। यदि शासन प्रशासन चाहें तो सिरपुर को वापस विश्व मंत्रणा का केन्द्र बनाया जा सकता है। जिसकी खोज में दुनिया के तमाम वैज्ञानिक जुटे हुए हैं, बरसों से, वह सारा सामान सिरपुर की धरती के भीतर है। 

सिरपुर में पुरातात्विक अवशेष से छेड़छाड़- डॉ. रतन लाल
पूरे भारत में बुद्ध की विरासत पर डाका डाला गया है। ये घटना नहीं, संकेत है कि यहां भी डाका डाला जाएगा। ऐसे में इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान देते हुए सिरपुर में बौद्ध विवि खोला जाए। यहां खुदाई में जो स्ट्रक्चर मिले हैं, उसे बाजार का अवशेष कहा गया, लेकिन यह वास्तव में बाजार नहीं यहां विश्वविद्यालय के अवशेष हैं। यह कहना है दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉ. रतन लाल का। वे तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सिरपुर बौद्ध महोत्सव और शोध संगोष्ठी में शामिल होने के लिए सिरपुर पहुंचे हुए थे। 

उन्होंने कहा कि सिरपुर को मैनुफैक्चरिंग आर्कियोलॉजी बनाया गया है। यहां पुरातात्विक अवशेष के साथ छेड़छाड़ किया गया है। किसने कहा कि यहां खुदाई में बाजार मिला है, ये बाजार नहीं है बल्कि विवि का कैंपस है। क्योंकि यहां 10 हजार बौद्ध भिक्षु अध्ययनरत थे, इसलिए ये विश्वविद्यालय है। इनका आरोप है कि यहां के पुरातात्विक मूर्तियों के साथ छेड़छाड़ की गई है। यहां खोज नहीं किया गया, बल्कि अवशेषों को दबाने का काम किया गया है।
 
बातचीत के दौरान डॉ. रतन लाल ने कहा कि राजनीतिक कारणों से तथ्यों में मिलावट हुई है। सिरपुर की खुदाई में जितनी चीजें मिलना बताया गया, उन सभी का दस्तावेज कहां है, इसे आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news