महासमुन्द
![गैस सिलेंडर अब 911 रुपए में, गरीब परिवार फिर से चूल्हे में लकड़ी जलाकर बना रहे भोजन गैस सिलेंडर अब 911 रुपए में, गरीब परिवार फिर से चूल्हे में लकड़ी जलाकर बना रहे भोजन](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1615803915ilender.gif)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 15 मार्च। घरेलू गैस की कीमत पर इस महीने मार्च में ही 51 रुपए की बढ़ोत्तरी हुई है, इसे मिलाकर पिछले तीन महीने में गैस के दाम में 263 रुपए तक इजाफा हुआ है। इस तरह गैस सिलेंडर अब 911 रुपए की कीमत पर मिल रहा है। गैस के बढ़ते दामों का असर आम उपभोक्ताओं पर सीधे पड़ रहा है। सबसे ज्यादा असर उज्जवला योजना के कनेक्शनधारियों पर हुआ है। कीमत बढऩे के कारण उज्ज्वला के हितग्राही रिफिलिंग नहीं करा पा रहे हैं। यही कारण है कि प्रति महीने उज्ज्वला की रिफिलिंग 20 प्रतिशत रह गई है।
ज्ञात हो कि महंगाई बढऩे के बाद गरीब परिवार फिर से चूल्हे में लकड़ी जलाकर खाना बना रहे हैं। पिछले तीन महीने के आंकड़ों पर नजर डालें तो उज्जवला के 22 हजार हितग्राहियों ने ही सिलेंडर रिफिलिंग कराया है। शेष हितग्राही चूल्हे में खाना बना रहे हैं, क्योंकि इन्होंने बढ़ती कीमतों के कारण सिलेंडर रिफिलिंग कराना छोड़ दिया है। इस सम्बंध में ऑयल कंपनी के एरिया मैनेजर सुनील कुमार का कहना है कि कीमत बढऩे के बाद रिफिलिंग का प्रतिशत एकदम कम हो गया है। जिसके कारण अभी उज्जवला के हितग्राही रिफिलिंग नहीं करा पा रहे हैं। महासमुन्द जिले में भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान एवं इंडियन ऑयल पेट्रोलियम कंपनी के गैस वितरण किए जाते हैं। इनके 1 लाख 77 हजार 900 कनेक्शनधारी हैं।
सिलेंडरों की बढ़ती कीमतों का सबसे बड़ा असर बीपीएल परिवारों को मिलने वाला गैस कनेक्शन पर हो रहा है। सिलेंडरों की बढ़ती कीमत के बाद गरीब परिवार उसकी दोबारा रिफिलिंग नहीं करवा पा रहे हैं। एक बार नि:शुल्क या कम कीमत में गैस कनेक्शन मिलता है। इसके बाद लोगों को अपनी रकम से सिलेंडर लेना पड़ता है। सिलेंडर महंगा होने की वजह से लोग न तो उसकी बुकिंग करवा रहे है और न दोबारा खरीद रहे हैं। जिले की बात करें तो 22 हजार ही कनेक्शनधारी है, जो रिफिलिंग करा रहे हैं।
सिलेंडर की कीमत जितनी स्पीड से बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से खातों में जमा होने वाली सब्सिडी कम होते जा रही है। सब्सिडी अब नहीं के बराबर आ रही है। कोरोना काल में लॉकडाउन के समय सरकार ने सब्सिडी हटाते हुए सिलेंडर के दाम कर कर दिए थे। कुल 605 रुपए में सिलेंडर लोगों को मिल रहा था। कीमत कम होने के बावजूद सरकार 61 रुपए कनेक्शधारियों के खाते में जमा कर रही थी। दिसंबर से मार्च तक सात बार सिलेंडर के दाम बढ़ाए गए हैं,लेकिन सब्सिडी अभी खाते में 61 रुपए ही जमा हो रही है। सरकार शेष सब्सिडी की शेष राशि खातों में जमा नहीं कर रही है। इसके बारे में पूछने पर कंपनी के मैनेजरों का एक ही जवाब मिल रहा है, सब्सिडी के बारे में जानकारी नहीं है।