महासमुन्द
![महासमुन्द जिले के सभी शासकीय टीकाकरण केंद्रों में लगाई जाएगी न्यूमोकोकल वैक्सीन महासमुन्द जिले के सभी शासकीय टीकाकरण केंद्रों में लगाई जाएगी न्यूमोकोकल वैक्सीन](https://dailychhattisgarh.com/2020/chhattisgarh_article/1615902821_1613305088G_LOGO-001.jpg)
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 16 मार्च। महासमुन्द जिले के सभी शासकीय टीकाकरण केंद्रों में न्यूमोकोकल की वैक्सीन लगाई जाएगी। इसे शुरू करने के लिए तैयारी शुरू हो चुकी है और जल्द ही सरकारी केंद्रों में इस वैक्सीन को लगाने का काम शुरू कर लिया जाएगा। इसमें 0 से 3 महीने के बच्चों को यह टीका लगाया जाता है। वर्तमान में इसकी सुविधा केवल प्राइवेट अस्पतालों में ही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बच्चों को इस टीके का तीन डोज दिया जाता है। पहला डोज डेढ़ माह, दूसरा ढाई और तीसरा साढ़े तीन महीने में दिया जाता है। न्यूमोकोकल वैक्सीन बच्चों को निमोनिया और हड्डियों के वायरल से बचाती है। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. अरविंद गुप्ता ने बताया कि न्यूमोकोकल वैक्सीन, जो पहले सिर्फ निजी अस्पतालों में लगाई जाती थी, वह जल्द ही शासकीय केंद्रों में भी लगेगी। यह वैक्सीन ऐसे वायरस से बचाने के लिए लगाया जाता है, जिससे निमोनिया व हड्डियों में इंफेक्शन को रोका जा सके। इसके लिए वर्तमान में डेटा व कार्ययोजना पर कार्य चल रहा है। इस टीके की कीमत डेढ़ हजार से 4 हजार रुपए के बीच में होती है, जो सरकारी जगहों पर लगने से लोगों की काफी बचत होगी।
न्यूमोकोकल वैक्सीनेशन को शुरू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जानकारी मांगी गई थी। जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस संबंध में उचित जानकारी तैयार कर भेज दी गई है। जिले में उपलब्ध संसाधन, डॉक्टर, स्टॉफ नर्स सहित अन्य जानकारी राज्य को भेजी गई है। डॉ. अरविंद गुप्ता ने बताया कि गर्भवती माताओं व बच्चों का टीकाकरण बहुत जरूरी है। इस पर स्वास्थ्य विभाग का पूरा फोकस रहता है। इसलिए जिले में भी टीकों के रखने व वहां से केंद्रों में आदान प्रदान के लिए 23 सेंटर हैं। इसकी हर रोज मॉनिटरिंग होती है, जिसमें सेंटर का तापमान व अन्य तकनीकी चीजें शामिल हैं। सभी प्रकार का डेटा राज्य को भेज दिया गया है।
देशभर में महिलाओं और बच्चों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाने के लिए रेगुलर टीकाकरण प्रोग्राम चलाया जाता है। इसमें गर्भवती महिलाओं के साथ-साथ छोटे बच्चे भी शामिल होते हैं। इसमें बीसीजी, हेपेटाइटिस बी, ओरल पोलियो, इंजेक्टेड पोलियो, टीटी व टीडी रुबेला वैक्सीन, डीहीटी एमआर के साथ अन्य टीकाकरण अभियान चलते हैं।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.अरविंद गुप्ता कहते हैं कि कोरोना काल में अन्य रेगुलर टीके पर प्रभाव न होए इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सप्ताह के दो दिन मंगलवार और शुक्रवार निर्धारित किया था जो काफी समय से चल रहा है। इस दिन रेगुलर टीकाकरण अभी भी हो रहा है और इसके लिए इन दिनों कोविड.19 के टीका नहीं लगाया जाता है। इसलिए इस पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है। हाल ही में संपन्न हुए पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान में भी हमारा जिला बेहतर रहा। इसके तहत 111941 बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य दिया गया था। इसमें से 14439 शहरी लक्ष्य व 97502 ग्रामीण लक्ष्य था। इसके तहत शहरी क्षेत्र में हमने 16695 को और ग्रामीण क्षेत्रों में 98.40 फीसदी बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई गई। यह टीका बच्चों के लिए बहुत आवश्यक है। इसलिए इसे लक्ष्य से ज्यादा करने पर भी ध्यान दिया जाता है।
बच्चा कहीं का भी हो उन्हें टीका लगाना चाहिए।