महासमुन्द

पशु चिकित्सा अस्पताल में दवाइयां नहीं, दम तोड़ रहे बीमार पशु
18-Mar-2021 4:16 PM
पशु चिकित्सा अस्पताल में दवाइयां नहीं,  दम तोड़ रहे बीमार पशु

वेदमाता गायत्री गौशाला के अध्यक्ष व सचिव ने उप संचालक से की शिकायत

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 18 मार्च।
वेदमाता गायत्री गौशाला के अध्यक्ष व सचिव ने उप संचालक से की शिकायत की है कि पशु चिकित्सा अस्पताल में पशुओं के इलाज के लिए दवाइयां नहीं है, दवाईयों के अभाव में बीमार पशु दम तोड़ रहे हैं। आवारा पशुओं की तबियत खराब होने के बाद लोग इलाज के उम्मीद में पशुओं को अस्पताल ला रहे हैं, लेकिन दवाई नहीं होने के कारण इन पशुओं का भी इलाज नहीं हो रहा है । वहां के अधिकारी व कर्मचारी पशु पालकों व गौ सेवकों को एक टूक में जवाब दे रहे हैं कि अस्पताल में दवाई नहीं है। इससे पशुपालकों के साथ-साथ गौ सेवकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।

इनका आरोप है कि पशु चिकित्सा कार्यालय के परिसर में एक मवेशी तीन दिन से बीमार पड़ा है। जिसका देखरेख करने वाला कोई नहीं है। न ही चिकित्सकों ने अभी तक उसे दवाई या इंजेक्शन दिया है। महासमुन्द शहर की सडक़ों पर वाहनों की ठोकर से कई पशु घायल हैं जिनका इलाज भी नहीं हो पा रहा है। गौ सेवक इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं। 

इलाज के अभाव में परिसर में पड़ी एक मवेशी दिनभर तड़प रही है। वहीं तुमगांव रोड में एक किराना दुकान के पास बैल दुर्घटना में घायल हो गया है। उसके इलाज के लिए गौ सेवक पिछले तीन दिन से पशु चिकित्सा विभाग का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन चिकित्सक दवाई नहीं है कहकर इलाज करने नहीं जा रहे हैं। बुधवार को गौ सेवकों ने इसकी शिकायत पशु उप संचालक से की तब जाकर चिकित्सकों की टीम पहुंची। 

पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक डा. धरमदास झारिया ने बताया कि दवाइयों के लिए फरवरी में ही ऑर्डर दे दिया गया था। लेकिन अभी तक दवाइयां नहीं आई है। इनका कहना है कि जिले में चिकित्सकों की कोई कमी नहीं है। सुबह 7 से 11 बजे और शाम के 5 से 6 बजे का टाइम हैं। कई लोग इस टाइम के बाद आते हैं, तो डॉक्टर नहीं मिलते हैं। यदि कोई पशु चिकित्सक ठीक से कार्य नहीं कर रहा है, तो इसकी लिखित में सूचना दे सकते हैं। विधिवत कार्रवाई की जाएगी। 

वेदमाता गायत्री गौशाला के सचिव सीता राम सोनी ने बताया कि पशुचिकित्सा विभाग के चिकित्सकों की लापरवाही से पशुओं का इलाज समय पर नहीं हो रहा है। तीन-तीन दिन से मवेशी तड़प रहे हैं। उन्होंने बताया कि गौशाला के लिए भी डॉक्टरों की ड्यृटी लगाई गई है, लेकिन एक सप्ताह से कोई भी डॉक्टर गौशाला में नहीं आया है। डाक्टरों को फोन लगाने पर कहीं फिल्ड में होने की बात करते हैं। पूर्व में भी उच्च अधिकारियों को शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। 

गौशाला के उपाध्यक्ष बद्रीनारायण कहते हैं कि ने बताया कि पशु चिकित्सक न ही बुलाने पर आते हैं और न ही पशु चिकित्सा विभाग के कार्यालय में मिलते हैं। सडक़ों पर हादसे में घायल हुए या बीमार पशुओं के त्वरित उपचार के लिए सरकार ने दो साल पहले पशु चिकित्सा विभाग को दो एम्बुलेंस दिया है, उसका लाभ भी आवारा पशुओं को नहीं मिल रहा है।

दवाई व चिकित्सक के अभाव में इसका उपयोग इलाज के लिए नहीं किया जा रहा है। अफसर इस वैन में इलाज की सुविधा छोडक़र दौरा कर रहे हैं। एम्बुलेंस की सुविधा के साथ टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है, लेकिन इसका लाभ भी पशु पालकों व गौ सेवकों को नहीं मिल रहा है ।

 

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