महासमुन्द

138 धान उपार्जन केंद्रों में पौने 25 लाख क्विंटल धान जाम
20-Mar-2021 4:05 PM
138 धान उपार्जन केंद्रों में पौने 25 लाख  क्विंटल धान जाम

सुरही कीड़े-चूहे नुकसान पहुंचा रहे, प्रति क्विंटल 5 किलो तक सूखत आ रही

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 20 मार्च।
महासमुन्द जिले के 138 धान उपार्जन केंद्रों में इस वक्त 24 लाख 78 हजार क्विंटल धान जाम पड़ा है। वर्तमान में संग्रहण केंद्रों में धान का परिवहन बंद है। राइस मिलर्स को कम संख्या में डीओ जारी हो रहा है। इससे केंद्रों में रखा धान धूप में सूख रहा है। वहीं लंबे समय से एक ही स्थान पर रखे होने से सुरही कीड़े लग गए हैं। धान के बोरों को चूहों ने काट दिया है।

ज्ञात हो कि खरीदी प्रारंभ होने के बाद से अब तक चार महीने बीत गए लेकिन उर्पाजन केंद्रों से धान का उठाव नहीं हुआ है और धान खुले में पड़ा है। इसकी वजह से धान में तेजी से सूखत आ रहा है। स्थिति यह है कि प्रति बोरी 2 किलो तक वजन यानी प्रति क्विंटल 5 किलो तक सूखत आ रही है। इस हिसाब से जिले के धान खरीदी केंद्रों में सूखत से 1 लाख23 हजार 911 क्विंटल यानी 30.97 करोड़ रुपए के धान के नुकसान का अनुमान है। नुकसान का यह अनुमान अभी वर्तमान की स्थिति में है। 

गौरतलब है कि जिले के 138 धान खरीदी केंद्र हैं, जहां रखे गए धान की रखवाली के लिए चौकीदार, मुंशी व अन्य कर्मचारी समितियों के माध्यम से मानदेय देकर रखे गए हैं। जब तक जमा धान का उठाव नहीं हो जाता, तब तक इन कर्मचारियों को धान की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त मानदेय देना पड़ेगा। सभी 138 केंद्रों में कुल 24.78 लाख क्विंटल धान रखा हुआ है। वर्तमान में सूखत से प्रति 40 किलो की बोरी में 2 किलो यानी क्विंटल में 5 किलो तक वजन कमी आ रही है। इस हिसाब से केंद्रों में रखे कुल धान के वजन में 1 लाख 23 हजार 911 क्विंटल की कमी का अनुमान है। सरकार ने 2500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से धान की खरीदी की है। इसी दर पर यदि नुकसान का आंकलन किया जाए तो 1 लाख 23 हजार 911 क्विंटल की कीमत 30.97 करोड़ होती है।

ग्राम शेरगांव के धान खरीदी केंद्र के प्रबंधक रतन लाल साहू के मुताबिक धान उठाव के लिए कई बार पत्र लिखा गया है, लेकिन उठाव में लापरवाही बरती जा रही है। तेज धूप के कारण धान लगातार सूख रहा है। जब धान की खरीदी किए थे तो किसानों से 40 किलो के हिसाब से खरीदी की गई थी। लेकिन अभी समितियों में रखे धाने के प्रत्येक बोरे में 2 से 3 किलो कमी आ रही है। जब ट्रक में 600 बोरी भरते हैं तो 5 किलो 90 किलो शार्टेज आता है। बेलसोंडा सोसायटी के प्रबंधक बालू चंद्राकर ने बताया कि केंद्रों में रखे धान को चूहे खा रहे हैं। धान की कई बोरियां अपने आप फट रही है, जिससे धान जमीन पर गिर रहा है। धान के प्रत्येक बोरों में 2 से 3 किलो की कमी आ रही है। 

डीएमओ सीआर जोशी कहते हैं कि उठाव को लेकर डीओ जारी कर दिया गया है। वर्तमान में नीलामी के कारण उठाव नहीं हो रहा था। कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स उठाव कर रहे हैं। मिलर्स को कस्टम मिलिंग के लिए पहले डीओ जारी किया गया है। उसना व अरवा का कस्टम मिलिंग जारी है। नीलामी के बाद धान बचेगा तो, उसे संग्रहण केंद्र के लिए उठाव कराया जाएगा। शासन स्तर से नीलामी की प्रक्रिया चल रही है। दूसरे चरण की नीलामी होने वाली है। ऑनलाइन मिलर्स आवेदन कर रहे हैं।
 

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