महासमुन्द

एरिया तैयार पर अभी तक महासमुन्द कृषि विज्ञान केंद्र में ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम का अता-पता नहीं
23-Mar-2021 4:27 PM
एरिया तैयार पर अभी तक महासमुन्द कृषि विज्ञान केंद्र में ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम का अता-पता नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 23 मार्च।
महासमुन्द जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में ऑटोमेटिक वेदर सिस्टम लगाया जाना है। जुलाई 2020 में केंद्र सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की ओर से महासमुन्द समेत प्रदेश के 5 जिलों में यह सिस्टम लगाने की स्वीकृति मिली थी, लेकिन आज तक इसे शुरू नहीं किया जा सका है। 

वर्तमान में जिले के कृषि विज्ञान केंद्र में इसे तैयार करने के लिए फाउंडेशन तैयार किया गया है। साथ ही कुछ मशीनें मंत्रालय से केवीके को मिल चुकी है, लेकिन इसका इंस्टॉलेशन अभी तक नहीं हुआ है। क्योंकि इसके लिए अभी और मशीनें आना बाकी है।  पिछले साल केंद्र सरकार ने किसानों को मौसम की मार से बचाने के नई योजनाएं शुरू की थी जिसके तहत देशभर के 200 आकांक्षी जिलों में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की ओर से स्वचालित मौसम केंद्र स्थापित किया जाना था। जुलाई 2020 में इसे स्वीकृति मिली थी। पिछसे साल के अंत तक इसे शुरू कर लिया जाना था, लेकिन अब तक यह शुरू नहीं हो पाया है।

कृषि विज्ञान केंद्र महासमुन्द से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वचालित मौसम केंद्र स्थापित करने के लिए 2000 स्क्वेयर मीटर का एरिया तैयार किया गया है। इसे सुरक्षित रखने के लिए फेंसिंग कराया जा चुका है। साथ ही मौके पर मशीनों को स्थापित करने के लिए बेस का काम पूरा हो चुका है। कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी दीपांशु मुखर्जी के मुताबिक जिले में स्वचालित मौसम केंद्र स्थापित किया जाना है। लेकिन इसके लिए अभी मशीनें नहीं आई है। शुरुआती दिनों में कुछ मशीनें तो मिली थी लेकिन इसके बाद से केंद्र के लिए सेंसर, जीपीएस, वेदर इंस्ट्रूमेंट, एनीमोमीटर, सेंट्रल वेदर गेज जैसी मशीनें आनी शेष है। उम्मीद है ये मशीनें हमें जल्द मिल जाएगी। जिसके बाद हम केंद्र स्थापित करने का काम पूरा कर सकेंगे।

जिले में स्वचालित मौसम केंद्र स्थापित होने के बाद किसानों को रोजाना मौसम सम्बंधी पूर्वानुमान जारी किया जाएगा। अभी हर मंगलवार और शुक्रवार को पूर्वानुमान जारी होता है। मौसम केंद्र स्थापित होने के बाद किसानों को आगामी मौसम के बारे में सटीक जानकारी मिलेगी। ऐसे में किसानों को फसल आधारित कीट या बीमारियों के बारे में जानकारी दी सकेगी।

मौसम केंद्र स्थापित होने के बाद सभी तरह के किसानों को इसका लाभ मिलेगा। इसमें किसानों के साथ पशु पालकों के लिए सलाह,हार्टिकल्चर क्रॉप और प्लांटेशन सम्बंधी एडवाइजरी भी इसी केंद्र से जारी की जाएगी।
 

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