विचार / लेख
- प्रकाश दुबे
बुजर्गों का ध्यान रखने में योगी आदित्यनाथ का सानी नहीं है। महात्मा गांधी से लेकर पं दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी होते हुए नरेन्द्र मोदी तक जा पहुंचे। अखिलेश को नाम लिए बगैर रगड़ दिया। कहा-हम पिता को भुला नहीं देते। बुजुर्गों को पेंशन देते हैं। चुनाव पूर्व अनुदान मांगों पर उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री पांच साल पुराना प्रसंग याद दिला रहे थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मंत्री काका शिवपाल से सारे विभाग छीने। पिता मुलायम सिंह ने अखिलेश की जगह शिवपाल को प्रदेश पार्टी की कमान सौंपी। दूरी बढ़ी। लोकसभा चुनाव में शिवपाल ने योगी-मोदी की मदद कर दी। बजट मांगों में योगी ने पांसा फेंका। बुजुर्गों की पेंशन बढऩे की घोषणा की। बहू डिंपल और भतीजे धर्मेन्द्र को हराने वाले शिवपाल राजनीतिक पेंशन और चुनावी तोहफे के मोह से बचे। योगी बाबा के बजट के दो दिन बाद अखिलेश ने काका के घर जाकर चरण छुए। चुनावी तालमेल कर लिया।
जरा सामने तो आओ छलिए
कोलकाता नगर निगम के चुनाव में चेहरा गायब है, आवाज गूंज रही है। भारतीय जनता पार्टी वाले बाबुल सुप्रियो का तृणमूल की धज्जियां उड़ाने वाला गाना बजा रहे हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बाबुल मंच पर गाते थे। अब तृणमूल कांग्रेस पार्टी में शामिल हो चुके हैं। इसके मुकाबले ममता बनर्जी के हाथ दूसरा हथियार मिला। यूनेस्को ने दुर्गा पूजा को सांस्कृतिक विरासत में शामिल कर लिया। ममता बनर्जी केन्द्र सरकार की खिंचाई करते हुए प्रचार में कहती रहीं कि हमारी साझी विरासत को यूनेस्को ने माना। विधानसभा चुनाव से पहले इसकी घोषणा होती तो बात ही अलग थी। अब तो इस एक मुद्दे पर ही कोलकाता निगम चुनाव में वोट मिलेंगे। ममता के निशाने पर केन्द्र सरकार है। वैसे भी वे गोवा जाकर कह आईं कि हमारी पार्टी टीएमसी में टी टेंपल मंदिर एम मस्जिद और सी गिरजाघर चर्च समझना। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार में जुटे कई घायल शेर बाबुल सुप्रियो की तरह कोलकाता से लापता हैं।
आह और वाह की परवाह
दिन बुधवार और निमित्त प्रवर्तन निदेशालय। दो शब्दों में कहें तो ईडी। उच्चतम न्यायालय ने उषा मार्टिन केस में केन्द्रीय जांच एजेंसियों को फटकार लगाई। भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमणा की खंडपीठ ने आप सौ रुपए की भी जांच करने पहुंच जाओगे। जिस अधिनियम के अंतर्गत काम करते हो, उसे पनीला बना रहे हो। सरकार का पक्ष लेने वाले अतिरिक्त सालिसिटर जनरल एस वी राजू की बोलती बंद। तीसरे दिन आयकर दस्ते अखिलेश यादव के नजदीकी लोगों के घर जा पहुंचे। फटकार को उस किस्से से मत जोडि़ए। चुनाव पास हों या दूर ईडी, सीबीआई या आयकर वाले मेहमान राजनीति से जुड़े लोगों के पास आते रहते हैं। उषा मार्टिन नाम की कंपनी पर ईडी ने धावा बोला। यह कंपनी बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल से दैनिक अखबार प्रकाशित करती है। नामी पत्रकार हरिवंश उसके आद्य संपादक थे। इन दिनों राज्यसभा के उपसभापति हैं। नीतीश कुमार के मित्र। प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के प्रेस सलाहकार रहे। इस तरह की जानकारी से चकित होने का रिवाज खत्म हो चुका है।
बिजली गुल
मोहम्मद अजहर उद्दीन के नाम से अब भले बिजली न दौड़े, अपने वक्त में क्रिकेट और बखेड़ों के कारण चर्चित रहे। नाम का नूर कायम है। इसलिए केन्द्रीय मंत्री अमित शाह के बेटे और अनुराग ठाकुर के भाई की देखरेख में पनपने वाले क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से जुड़े हैं। अजहर लोकसभा सदस्य रह चुके हैं। उनको हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष बनाने के बावजूद अंधेरा नहीं छंटा। अध्यक्ष के हवाई अड्डे पर उतरने से पहले ही राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की बिजली काट दी गई। बिजली का बरसों से करीब डेढ़ करोड़ रुपए बकाया है। उससे ज्यादा एक करोड़ चौसठ लाख जुर्माना। चालीस दिन तक किसी ने नोटिस पर ध्यान नहीं दिया। छह साल पहले बिजली चोरी के कारण करीब तीन करोड़ रुपए जुर्माना ठोंका गया था। क्रिकेट के सट्टे में करोड़ों कमाने वालों और इस कारोबार से अरबपति बनने वाले खिलाडिय़ों और खेल संचालकों ने तवज्जो नहीं दी। बिजली गुल करने वालों ने तनिक भी न सोचा कि पत्नी का नाम संगीता बिजलानी है।
(लेखक दैनिक भास्कर नागपुर के समूह संपादक हैं)