विचार / लेख
-असगर वजाहत
दिल्ली में केरल के एक प्रोफेसर की लडक़ी की शादी दक्षिण भारतीय मंदिर के कम्युनिटी सेंटर में संपन्न हुई। सब अतिथियों को केले के पत्ते पर दक्षिण भारतीय खाना खिलाया गया। सब ने अपने-अपने झूठे पत्तल डस्टबिन में डाले। सब कुछ बहुत सफाई और सहजता से हुआ। न कोई चमक-धमक, न कोई सम्पन्नता और धन का प्रदर्शन।
दिल्ली के एक उच्च मध्यवर्गीय परिवार की लडक़ी की शादी एक बहुत शानदार मैरिज वेन्यू में हुई। चमचमाते और जगमगाते पहले हाल में सिर्फ चाट और ताजा फलों के स्टाल लगे हुए थे। दूसरे हॉल में सूप और तरह-तरह की सलाद के स्टाल थे। तीसरे चमचमाते हॉल में खाना हो रहा था। एक बहुत बड़े चमचमाते जगमगाते हाल में मंच पर दूल्हा दुल्हन की बैठने की व्यवस्था थी। उसके पास ही डीजे का इंतजाम था। जबरदस्त चमक-दमक और संपन्नता का दिखावा।
ये दोनों दृश्य एक ही हैं एक हिंदी भाषी क्षेत्र से संबंधित और दूसरा केरल राज्य से।
उत्तर भारत और दक्षिण भारत में इतना बड़ा अंतर क्यों है?
तमिलनाडु के गांव बहुत सुनियोजित और साफ-सुथरे हैं। कर्नाटक में भी गांव एक योजना के अंतर्गत दिखाई पड़ते हैं। केरल में कोई आवारा पशु दिखाई नहीं देता।
दक्षिण भारत में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का स्तर हिंदी प्रदेशों से बहुत ऊंचा है। तमिलनाडु में पुस्तकालय आंदोलन बहुत सशक्त है जबकि उसकी तुलना में हिंदी प्रदेशों में यह लगभग शून्य है। सहकारी आंदोलन हिंदी प्रदेशों में असफल हो गया जबकि दक्षिण भारत में वह सफल हुआ है।
हिंदी प्रदेशों में जिस प्रकार लोगों के अंदर अहंकार और प्रदर्शन का भाव है। सत्ता प्रेम है। अपने आप को महान और बड़ा समझने की प्रवृत्ति है। असहिष्णुता है। हिंसा है। वैसी दक्षिण भारत में नहीं है । उत्तर भारत में जितने अपराध होते हैं, जितने बलात्कार होते हैं उतने दक्षिण में नहीं।
मेरा आश्रय किसी का अपमान करना नहीं है। हिंदी प्रदेशों और दक्षिण भारत के अंतर को समझने का एक प्रयास है। कोई भी मुझसे सहमत/असहमत हो सकता है।
मैंने जो कुछ लिखा है वह मेरे अपने अनुभव और जानकारी के आधार पर है।
एक देश, एक संविधान, एक नियम कानून, एक सुप्रीम कोर्ट, एक सरकार।
फिर इतना अंतर क्यों है?
मेरे विचार से हिंदी क्षेत्र सैकड़ों साल से सत्ता का केंद्र रहा है और अब भी है।
सत्ता का एक विशेष चरित्र होता है जो सत्ता क्षेत्र में फैल जाता। हिंदी क्षेत्र के ऐसे चरित्र का यह एक कारण है। और भी हो सकते हैं।