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व्हाइट हाउस छोडऩे से पहले अपराधियों और रिश्तेदारों को माफी देने में जुटे राष्ट्रपति ट्रंप
26-Dec-2020 1:16 PM
व्हाइट हाउस छोडऩे से पहले अपराधियों और रिश्तेदारों को माफी देने में जुटे राष्ट्रपति ट्रंप

शेष नारायण सिंह

वरिष्ठ पत्रकार

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपराधियों, करीबी लोगों और रिश्तेदारों को माफी देकर व्हाइट हाउस को अलविदा कहने की तैयारी कर रहे हैं। ट्रंप ने अपने समधी चाल्र्स कुशनर को बुधवार को माफ कर दिया है। चाल्र्स कुशनर, ट्रंप के दामाद जेड कुशनर के पिता हैं। इस बार माफी देने की अपनी नई खेप में उन्होंने 26 लोगों को शामिल किया है।

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने माफी देने का सिलसिला शुरू कर दिया है। उन्होंने अपने समधी चाल्र्स कुशनर को बुधवार को माफ कर दिया है। इस बार माफी देने की अपनी नई खेप में उन्होंने 26 लोगों को शामिल किया है। चाल्र्स कुशनर, ट्रंप के दामाद जेड कुशनर के पिता हैं। उनपर बहुत ही गंभीर आरोप थे। उन्होंने 2004 के चुनाव में साठ लाख डालर का चुनावी चंदा डेमोक्रेटिक पार्टी को दिया था। यहांं तक तो ठीक था क्योंकि अमरीका में किसी राजनीतिक पार्टी को चंदा देने की रक़म की कोई सीमा नहीं है।

हालांकि किसी व्यक्ति को दो हजार डालर से ज़्यादा चुनावी चंदा नहीं दिया जा सकता। चंदा देने के बाद समधी साहब ने जो आपराधिक कृत्य किया वह यह था कि उन्होंने इस साठ लाख डालर को अपने खाते में व्यापार पर किया गया खर्च दिखा दिया। यह गलत है और आपराधिक कृत्य है। उनके ऊपर मुकदमा चला और उनको दो साल की सजा हो गई। इसके अलावा उन्होंने किसी वेश्या को व्यापारिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया था।

इस तरह की हरकत भी कानूनन जुर्म

व्यापारिक लाभ के लिए इस तरह की हरकत भी कानूनन जुर्म है। इस मामले में भी कानूनी कारवाई हुई। इन दो मामलों में बीस जनवरी 2021 तक विराजने वाले चाल्र्स कुशनर के समधी डोनाल्ड ट्रंप ने उनको माफी दे दी। इस माफी के पहले उन्होंने उन लोगों माफी दी जो उनके उलटे सीधे काम में उनके साथी रहे हैं। नई माफी की लिस्ट में रोजर स्टोन और पॉल मनाफोर्ट भी शामिल हैं। यह दोनों कई अपराधों में दोषी पाए जा चुके हैं। मनाफोर्ट तो नजरबंदी की सजा भी भोग रहे हैं।

इन माफीनामों का मुख्य संदेश यह है कि ट्रंप अब चुनाव में हार को स्वीकार करने मन बना चुके हैं। अभी उनको उम्मीद थी कि न्यायपालिका की मदद से वे हारा हुआ चुनाव पलट देंगे लेकिन अब ऐसा होता नहीं दिख रहा है। उन्होंने अमरीका के पांच बैटिलग्राउंड राज्यों पेंसिलवानिया, एरिजोना, विस्कासिन, जार्जिया और मिशिगन में चुनावी धांधली के मुकदमे दायर करवाए थे। हर जगह से उनके खिलाफ फैसले आते रहे। एक विस्कासिन बचा था। विस्कसिन राज्य का फैसला आज ही आया है। न्यायपालिका से बहुत उम्मीद थी क्योंकि उन्होंने फेडरल सुप्रीम कोर्ट में एक जज हड़बड़ी में इसी योजना के तहत भर्ती किया था कि जरूरत पडऩे पर उनके पक्ष में फैसला आ जाएगा लेकिन उन्हें वहां भी हार ही मिली। अमरीका में सभी राज्यों के अलग अलग चुनावी कानून होते हैं और अलग तरह की न्याय प्रणाली होती है।

 37 राज्यों में जज भी चुनाव लडक़र होते हैं पदासीन

मसलन अमरीका के पचास राज्यों में से 37 राज्यों में जज भी चुनाव लडक़र पदासीन होते हैं। वे बाकायदा पार्टी के टिकट पर चुनकर आते हैं। ट्रंप की नवीनतम कानूनी हार विस्कासिन राज्य में हुई है। वहां के जिस जज ने उनके खिलाफ फैसला दिया है वह ट्रंप की पार्टी, िरपब्लिकन पार्टी के टिकट पर चुनकर आया था। जब उसने कानून के हिसाब से सही फैसला दे दिया तो ट्रम्प महोदय उसको भी गाली देने लगे। उसके खिलाफ ट्वीट किया और उनके समर्थकों ने उसके खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान शुरू कर दिया। अब लगता है कि वे अपनी हार को न्यायपालिका की मदद से जीत में बदलवाने की उम्मीद छोड़ चुके हैं। जब ज़्यादातर अमरीकियों ने यह मान लिया है कि डोनाल्ड ट्रंप चुनाव हार चुके हैं। न्यायपालिका ने उनको साफ बता दिया है कि उनकी सनक के आधार पर फैसला नहीं दिया जा सकता, कानून ही किसी भी फैसले की बुनियाद होता है।

डोनाल्ड ट्रंप जिस तरह से लोगों को माफी दे रहे हैं उससे संकेत आने लगे हैं अब हठधर्मी का उनका हौसला पस्त हो चुका है।और अब वे राष्ट्रपति पद छोडऩे के बारे में विचार कर रहे हैं। अमरीकी संविधान के संस्थापकों, खासकर अलेक्जेंडर हैमिल्टन ने यह नियम बनाया था कि अगर राष्ट्रपति को लगता है कि न्यायपालिका में किसी के साथ अन्याय हो गया है या किसी को उसके अपराध के अनुपात से ज्यादा सजा हो गई है तो अमरीकी राष्ट्रपति उसको माफी दे सकता है।

अपने संस्थापकों के इसी प्रावधान को इस्तेमाल करके डोनाल्ड ट्रंप लगातार अपने करीबी लोगों को माफी दे रहे हैं। राष्ट्रपति हैमिल्टन के समय से ही यह रिवाज है कि राष्ट्रपति अपराधियों को माफी दे देता है। जिसको माफी मिल जाती है उसके ऊपर उसी केस में दोबारा मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। लेकिन बाद के कुछ राष्ट्रपतियों ने जघन्य अपराधियों को भी माफी दी। इस सिलसिले में रिचर्ड निक्सन का नाम लिया जाता है। वे सत्तर के दशक में अमरीका के राष्ट्रपति थे। उन्होंने तरह तरह के अपराध किये थे। उनके ऊपर वाटरगेट स्कैंडल के कारण महाभियोग की तैयारी हो चुकी थी। लेकिन उन्होंने अपने

उपराष्ट्रपति जेराल्ड फोर्ड से सौदा किया

उपराष्ट्रपति जेराल्ड फोर्ड से सौदा किया कि वे इस्तीफ़ा दे देंगें और अमरीका के संविधान के अनुसार फोर्ड बिना कोई चुनाव लडे राष्ट्रपति बन जायेगें। उसके बदले में उनको राष्ट्रपति के रूप में रिचर्ड निक्सन के अपराधों के लिए माफी देनी पड़ेगी। ऐसा ही हुआ और फोर्ड अगस्त 1974 से जनवरी 1977 तक राष्ट्रपति रहे।

निक्सन की तरह ही ट्रंप भी अपराधी प्रवृत्ति के राष्ट्रपति हैं लेकिन जसी तरह से उन्होंने अपने खास लोगों को माफी देने का सिलसिला शुरू कर दिया है, उससे लगता है कि वे निक्सन का भी रिकार्ड तोड़ेंगे। अंधाधुंध माफी देने के चक्कर में वे ऐसे अपराधियों को भी माफी दे रहे हैं जिनके अपराध जघन्य हैं और कुछ मामलों में तो अपराधी ने अपने जुर्म को कोर्ट के सामने कबूल भी कर लिया है।

क्या राष्ट्रपति अपने आपको माफ कर सकते हैं?

इन माफियों के सिलसिले में सबसे जरूरी बिंदु है कि क्या राष्ट्रपति ऐसे अपराधों के लिए भी माफी दे सकते हैं जो अपराध हुए ही न हों। जानकर बताते हैं कि ट्रंप और उनके कऱीबी लोगों ने इतने अपराध किए हैं कि उनके ऊपर मुक़दमा चलना तो तय है। इमकान है कि कानून अपना काम करेगा और अगर कानून इमानदारी से काम करता है तो ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप, दामाद और उनके सबसे करीबी वकील रूडी जुलियानी पर मुकदमा जरूर चलेगा। अभी इन लोगों पर मुकदमा दायर नहीं हुआ है। बहस इसी विषय पर हो रही है कि क्या राष्ट्रपति एडवांस में किसी को माफी दे सकते हैं। एक कानूनी चर्चा और भी हो रही है कि क्या राष्ट्रपति अपने आपको माफ कर सकते हैं। उनके ऊपर तो कई केस दर्ज भी हैं।

रिचर्ड निक्सन ने तो अपने आप को माफ नहीं किया था क्योंकि माफी लेने के लिए उन्होंने अपने उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति बनाकर माफी हासिल की थी। बहरहाल राष्ट्रपति ट्रंप की माफी देने की कारस्तानी के बाद लोगों को लग रहा है कि लगता है कि ट्रंप को भी इस बात का एहसास हो चुका है कि उनको अब तो जाना ही पडेगा और पद से हटने के बाद उनको मुकदमों का सामना भी करना पड़ेगा। अगर उनकी खुद को दी गई माफी को जायज भी मान लिया जाएगा तो भी राष्ट्रपति की माफी केवल उन्हीं मामलों के लिए होती है जो फेडरल न्याय क्षेत्र में होते हों। राज्यों के मामलों के लिए राष्ट्रपति किसी को माफी नहीं दे सकते। डोनाल्ड ट्रंप के ऊपर न्यूयॉर्क राज्य में टैक्स चोरी के कुछ मामले दर्ज हैं। उनमें किसी माफी का प्रावधान नहीं है। (न्यूज 1)

(डिसक्लेमर- यह लेखक के निजी विचार हैं।)

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