विचार / लेख
-गिरीश मालवीय
ये सच है बिल गेट्स ने कोरोना वायरस नहीं फैलाया लेकिन कोरोना वायरस का भय फैलाने में बिल गेट्स की महती भूमिका है और समस्या कोरोना वायरस नहीं है उसका भय ही है। मैं अप्रैल 2020 से ही कोरोना वायरस के संदर्भ बिल गेट्स की भूमिका पर उंगली उठा रहा हूँ लेकिन जैसे इस देश में मोदी भक्त पैदा हुए हैं वैसे ही बिल गेट्स के भक्त पैदा हो गए हैं। इनमें बुद्धिजीवियों की संख्या बहुतायत में है कोरोना के संदर्भ में आप बिल गेट्स का जैसे ही नाम लो वो आप पर कॉन्सपिरेसी थ्योरिस्ट का ठप्पा ठोक देंगे, वे बिल गेट्स के खिलाफ कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं है उन्हें लगता है कि बिल गेट्स महान परोपकारी ओर विश्व का सबसे बड़ा दूरदृष्टा है
टाइम मैगजीन की इस खबर में बिल गेट्स स्वीकार कर रहे हैं कि जो तकनीक फाइजर ओर मोडर्ना अपनी वैक्सीन में इस्तेमाल कर रही हैं यानी मेसेंजर आरएनए तकनीक उसके विकास में उनके फाउंडेशन की महत्वपूर्ण भूमिका है, साथ ही वह सीरम इंस्टीट्यूट की एस्ट्राजेन्का कम्पनी द्वारा बनाई गई वैक्सीन में भी बड़े पैमाने पर धन लगा चुके हैं।
अगर आप ध्यान से देखें तो पूरे विश्व में इन्हीं तीन वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल मिला है, और इन तीनों वैक्सीन का बिल गेट्स से सीधा संबंध है। यही बात मैं शुरू से लिख रहा था कि बिल गेट्स वैक्सीन इंडस्ट्री के कोलम्बस है।
अब वह चाहते हैं कि दुनिया की 70 फीसदी आबादी को उनकी बनाई वैक्सीन ठुकवा दी जाए और जैसे नरेंद्र मोदी भारत जैसे बड़े देश में उनके परम सहयोगी बने हुए वैसे ही अन्य देशों की सरकारें में उनके पिठ्ठू बड़े पैमाने पर मौजूद हैं। जिनकी मदद से वह अपनी इस योजना को कामयाब बनाने के लिए तत्पर है
और सच तो यह है कि डब्ल्यूएचओ उनकी जेब में बैठा हुआ है क्योंकि अमेरिका यूरोप कुल मिलाकर डब्ल्यूएचओ को जितना सालाना फंड देते हैं उससे कहीं ज्यादा बिल गेट्स और उससे जुड़े हुए संगठन डब्ल्यूएचओ को फंडिंग कर रहे हैं, इसके चीफ दरअसल बिल गेट्स के पपेट की तरह व्यवहार कर रहे हैं।
बहुत से लोग पूछेंगे कि आखिर बिल गेट्स को इससे फायदा क्या हो रहा है पिछले एक साल में अगर आप ध्यान से दुनिया के 10 सबसे बड़े पूंजीपतियों की लिस्ट देखेंगे तो आप। जान जाएंगे कि आपकी ओर हमारी जेब मे आने वाला पैसा किन लोगों के पास जाकर जमा हो रहा है। ये वो लोग हैं जिन्होंने इस कोरोना काल में इंटरनेट और नई तकनीक का सबसे बेहतर ढंग से इस्तेमाल किया है। ये है अमेजन के जेफ बेजोस, फेसबुक के जुकरबर्ग गूगल के लैरी पेज जैसे लोग इन पूंजीपतियों में बिल गेट्स भी शामिल हैं। यह सब अपनी कंपनियों के माध्यम से और मीडिया में अपनी फंडिंग ओर होल्डिंग के सहारे से साल भर कोरोना के भय को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने में कामयाब रहे हैं और आज भी हो रहे हैं।