बेमेतरा

लाखों रुपए खर्च, फिर भी जलसंकट
03-Mar-2022 3:52 PM
लाखों रुपए खर्च, फिर भी जलसंकट

बटुवाकांपा में काम पूरा होने के 5 महीने बाद भी समस्या यथावत

गांव के सभी हितग्राहियों के नल कनेक्शन घर के अंदर देने की बजाय बाहर दिए

आशीष मिश्रा

बेमेतरा, 3 मार्च।  बेमेतरा ब्लॉक के ग्राम बटुवाकांपा में जल जीवन मिशन के अंतर्गत लाखों रुपए खर्च के बावजूद ग्रामीणों को पानी नहीं मिल रहा है। आलम यह है कि कार्य पूर्ण होने के करीब 5 महीने बाद भी ग्रामीणों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है,  गौरतलब हो कि बटुवाकांपा ग्राम पंचायत कठौतिया का आश्रित ग्राम है। जहां योजना अंतर्गत गांव में करीब 25 नल कनेक्शन किया गया है। पानी नहीं मिलने से ग्रामीणों में खासी नाराजगी है।

विभाग की ओर से कार्य का ठेका कृष्णा कॉन्ट्रेक्टर को दिया गया है। ग्राम बटुवाकांपा, झिरियाकापा, भैसबोड़, दामापुर और नवागांव में सोलर बेस्ड योजना लागत 48 लाख को एसओआर से 12 प्रतिशत अधिक दर पर दिया गया, जिससे कार्य की लागत बढक़र 54 लाख हो गई है।

दर्जन भर घरों में नहीं दिए नल कनेक्शन
इस गांव में ज्यादातर निषाद समाज के लोग रहते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि नल कनेक्शन घर के अंदर देने की बजाए बाहर कनेक्शन दिया गया है। ग्रामीणों के बार बार बोलने के बावजूद ध्यान नहीं दिया गया। इसके अलावा 10 से 12 घरों में कनेक्शन नहीं दिया गया है। ग्रामीण रविशंकर निषाद, सुखबती निषाद, राजकुमार, राकेश, मुकेश, रामदास नट, भुरवा बाई समेत कई हितग्राहियों के घरों में नल कनेक्शन नहीं दिया गया है।  

अवगत कराने के बाद भी नहीं दे रहे ध्यान
ग्रामीणों ने बताया कि योजना के अंतर्गत नल कनेक्शन दिए जाने के बाद से एक बार भी पानी की आपूर्ति नहीं हुई है । इस संबंध में विभाग के अधिकारी और ठेकेदार को बार-बार अवगत कराए जाने के बावजूद ध्यान नहीं दिया गया है। गांव में सोलर बेस्ड योजना से जलापूर्ति होनी है। गांव से गुजरी नदी के पास टावर बनाकर पानी टंकी लगाई गई है। ग्रामीणों ने बताया कि एक बार विभाग का बोर वाहन नवीन बोर खनन के लिए पहुंचा था, जहां बोर सफल नहीं होने पर विभागीय टीम लौट गई। महीनों गुजर जाने बाद भी फिर से बोर के लिए विभाग का अमला नहीं पहुंचा है ।

योजना के क्रियान्वयन को लेकर विभाग के अलग-अलग सेक्शन में सामंजस्य नहीं
विभाग के एसडीओ विप्लव ने बताया कि खनन सेक्शन को बोर खनन करना है।  गांव में योजना का कार्य पूर्ण हुए करीब 5 महीने बीत चुके हैं। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को जलापूर्ति की स्थिति से विभाग के अधिकारियों की अनभिज्ञता जाहिर करना उनकी कार्यप्रणाली में सवाल खड़े करती है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बटुवाकांपा में बोर खनन के लिए बड़ी बोर मशीन की जरूरत है, जिसे दुर्ग से मंगाना पड़ेगा।  विभाग के एसडीओ को इसकी जानकारी  छत्तीसगढ़  की टीम के द्वारा बताए जाने के बाद हुई। ऐसी स्थिति में स्पष्ट है कि विभाग के अलग-अलग सेक्शन में योजना के क्रियान्वयन को लेकर सामंजस्य नहीं है।

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